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CM केजरीवाल के सख्त निर्देश, दिल्ली के 13 लाख श्रमिकों को मिले ग्रुप इंश्योरेंस, फ्री बस पास, घर और हास्टल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पंजीकृत हर निर्माण श्रमिक तक बोर्ड की पहुंच न होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से 13 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं, लेकिन उनको सत्यापित करने और उन तक पहुंचने के लिए कोई सिस्टम नहीं है.

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सीएम केजरीवाल- फाइल फोटो
सीएम केजरीवाल- फाइल फोटो

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजीकृत सभी 13 लाख निर्माण श्रमिकों को ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस, डीटीसी बसों में फ्री यात्रा के लिए पास, रियायती घर और हॉस्टल की सुविधा मुहैया कराने के सख्त निर्देश दिए. इसके अलावा, श्रमिकों को टूलकिट देने और उनके लिए बड़े स्तर पर स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम चलाने का भी निर्णय लिया गया. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाएं सभी श्रमिकों तक नहीं पहुंचने पर नराजगी जताई और कहा कि अगर सभी श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं दे सकते तो फिर विभाग चलाने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने श्रम विभाग को पंजीकृत सभी श्रमिकों तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाने के लिए एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया. 

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पंजीकृत हर निर्माण श्रमिक तक बोर्ड की पहुंच न होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से 13 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं, लेकिन उनको सत्यापित करने और उन तक पहुंचने के लिए कोई सिस्टम नहीं है. सीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर पंजीकृत 13 लाख निर्माण श्रमिकों में से विभाग किसी योजना से कुछ हजार लोगों को लाभ दे रहा है तो फिर इस विभाग को चलाने का कोई मतलब नहीं है. इससे कल्याणकारी योजनाओं की तुलना में विभाग की लागत अधिक होगी.

यदि विभाग के पास 3-4 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं तो उसे अपनी योजनाओं का लाभ सभी 13 लाख श्रमिकों तक पहुंचाना चाहिए. हम अपने निर्माण श्रमिकों के कल्याण के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते. सीएम ने श्रम विभाग को राजस्व विभाग के साथ मिलकर आगामी जून महीने तक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों का सत्यापन पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि हर एक तक सरकार की स्कीमों को पहुंचाया जा सके.

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इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विभाग द्वारा महज 500 नए लाभार्थियों को पेंशन देना ही पर्याप्त नहीं है. विभाग सत्यापन करके पात्र श्रमिकों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा कर सकता था. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर 60 वर्ष से अधिक आयु के पंजीकृत श्रमिकों की संख्या का पता लगाकर रिपोर्ट पेश की जाए, ताकि उनको पेंशन का लाभ दिया जा सके.

प्रचार-प्रसार करने के लिए प्लान बनाने का निर्देश
उन्होंने कहा कि विभाग के पास बहुत अच्छी-अच्छी योजनाएं हैं, लेकिन उनका सही तरीके से प्रचार-प्रचार नहीं किया गया है. सभी पंजीकृत श्रमिकों तक उनके फोन के जरिए पहुंचा जा सकता है. उनको उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस और आईवीआरएस संदेश भेज कर योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा सकता है. इसमें लागत भी बहुत कम आएगी. जबकि टीवी और रेडियो पर प्रचार करना अधिक खर्चीला साबित होगा. उन्होंने कहा कि जब हमारे पास सभी संसाधन हैं तो हमें योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए. सीएम ने अधिकारियों को मौजूदा स्कीमों का सस्ते तरीके से प्रचार-प्रसार करने के लिए प्लान बनाने का निर्देश दिया है.

बोर्ड की पिछली समीक्षा बैठक
बोर्ड की पिछली समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग के अधिकारियों को पंजीकृत सभी श्रमिकों को ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस और मुफ्त बस पास प्रदान करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिया था. इसकी समीक्षा करते हुए सीएम ने बोर्ड को डीटीसी अधिकारियों और समूह बीमा कंपनियों के साथ मिलकर उक्त योजना को जल्द से जल्द लागू करने और इस पर आने वाली लागत का खाका तैयार करने का निर्देश दिया.

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साथ ही, श्रमिकों को टूलकिट का वितरण, साइट पर क्रेच सुविधा प्रदान करना, कौशल विकास, श्रमिकों को सब्सिडी वाले घर और ट्रांजिट हॉस्टल प्रदान करना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग और पंजीकृत श्रमिकों के लिए ईएसआईसी कवर सुविधा देने की जानकारी मांगी है. इस पहल के तहत दिल्ली सरकार राजमिस्त्री, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और बढ़ई सहित 5 ट्रेडों के श्रमिकों को बड़े पैमाने पर टूलकिट और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगी. प्रत्येक टूलकिट में 5-6 महत्वपूर्ण उपकरण और 3 आवश्यक सुरक्षा गियर शामिल होंगे.

लाभार्थी को केवल शेष 25 फीसद राशि का भुगतान करना होगा
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार की योजना बोर्ड जरिए निर्माण श्रमिकों को रियायती आवास और दिल्ली में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों को ट्रांजिट हॉस्टल प्रदान करने की है. इस योजना के तहत सरकार लागत का 75 फीसद वहन करके निर्माण श्रमिकों को एलआईजी फ्लैट आवंटित करेगी. लाभार्थी को केवल शेष 25 फीसद राशि का भुगतान करना होगा. मुख्यमंत्री ने बोर्ड को डीडीए, एमसीडी, डीयूएसआईबी और डीएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना तैयार करने का निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए सरकार को कितनी जमीन मिल सकती है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इन एजेंसियों से मकानों के निर्माण के साथ-साथ जमीन की संभावनाएं तलाशें, जिस पर सरकार खुद मकान और हॉस्टल बना सके. 

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वहीं, श्रम विभाग के अधिकारियों ने सीएम को बताया कि सरकार के को-वर्किंग स्पेस (सीडब्ल्यूएस) के लिए आवंटित भूमि का पुनर्विकास करने के बाद इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. जब दिल्ली सरकार ने राज्य में पुनर्वास कॉलोनियों की स्थापना की थी, तब उसने जमीन के बहुत बड़े भूखंडों पर एक मंजिला सीडब्ल्यूएस केंद्र बनाए थे. बोर्ड ने इन केंद्रों के पुनर्विकास का प्रस्ताव दिया है, जहां सरकार उन्हें भूतल पर सीडब्ल्यूएस के साथ बहुमंजिला बना सकती है और उनके ऊपर प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल बन सकता है. सीएम ने कहा कि यह प्रस्ताव शुरू में एक प्रयोग के तौर पर आजमाया जा सकता है. उन्होंने विभाग को इसका एक पायलट प्रोजेक्ट करने का निर्देश दिया.

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी पंजीकृत श्रमिकों को ईएसआई योजना से कवर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. ईएसआई के सदस्यों को बेरोजगारी भत्ता, विकलांगता, मातृत्व, बीमारी, चिकित्सा और पेंशन समेत कई लाभ मिलते हैं. योजना के तहत नियोक्ता 3.25 फीसद योगदान देता है और कर्मचारी अपने वेतन का 0.75 फीसद योगदान देता है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अब बोर्ड को एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है कि कैसे दो महीने के अंदर सभी कर्मचारियों के सत्यापन को पूरा करने के साथ-साथ सब्सिडी वाले आवास और छात्रावास, ग्रुप जीवन बीमा, मुफ्त बस पास, ईएसआई कवर और मुफ्त कोचिंग प्रदान की जा सकती है. बोर्ड को मई के पहले सप्ताह तक योजना तैयार कर समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया है.

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