अफसरों के तबादले को लेकर केंद्र और दिल्ली की सरकार के बीच फिर से जुबानी जंग शुरू हो गई है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र की अधिसूचना को किनारे करते हुए रविवार को कहा कि सीएम केजरीवाल को अपनी टीम बनाने का हक है, वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पलटवार किया कि कोई भी अफसर मौजूदा समय में दिल्ली सरकार के साथ काम करना ही नहीं चाहता.
दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच चल रही मौजूदा तकरार के बारे में सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि कोई भी वरिष्ठ नौकरशाह अरविंद केजरीवाल के तहत काम नहीं करना चाहता, जो एक अच्छा संकेत नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली का विकास सुनिश्चित करने के लिए जरूरत है कि नौकरशाही को साथ लेकर चला जाए. जबकि डिप्टी सीएम सिसोदिया ने केंद्र पर वार करते हुए कहा कि बीजेपी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का चुनावी वादा किया था, जिस पर वह 'सबसे बड़ा यू टर्न' ले रही है.
गौरतलब है कि अफसरों के तबादले को लेकर बीते दिनों गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर साफ कर दिया कि संविधान के अनुरूप दिल्ली में अधिकारियों के तबादले का अंतिम अधिकार उप राज्यपाल का है. सोमवार को मोदी सरकार पर एक के बाद एक आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने कहा कि मोदी सरकार उपराज्यपाल के जरिए 'किसी भी तरह से' दिल्ली को चलाने का प्रयास कर रही है. लेकिन प्रदेश सरकार किसी भी तरह से 'धमकाए जाने पर' चुप नहीं बैठेगी.
क्या हुआ तेरा वादा...
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'मोदी सरकार के मंत्री हषर्वर्धन ने लगातार कहा है, खुद मोदी जी खुद कह चुके हैं और उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को अपने चुनावी
घोषणापत्र में भी शामिल किया था. लेकिन अब जब मुददा उठा है तो वे धौंस दिखा रहे हैं और दिल्ली सरकार इस मुददे पर चुप नहीं रहेगी.'
इस बयान से एक दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि देश में आम सहमति बनने तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह मुददा राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ा है. सिसोदिया ने बीजेपी पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच 'प्रतिद्वंद्वता' से डरे होने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, 'बीते एक वर्ष में केंद्र का सबसे बड़ा यूटर्न दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मुददे पर आया है. बीजेपी केजरीवाल और मोदी के बीच प्रतिद्वंद्वता से क्यों डरी हुई है.