दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रशासनिक अधिकारियों की सेवाओं का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर रही है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र सरकार के उस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है, जिसमें भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को उनका ओसडी बनाने के आग्रह को खारिज कर दिया गया.
दिल्ली सरकार को चतुर्वेदी की जरूरत
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने तीन जुलाई को पत्र में लिखा, 'चतुर्वेदी ईमानदारी और कार्यकुशलता
के लिए जाने जाते हैं. यह हालांकि दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी सेवा का केंद्र ने कभी सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किया. दिल्ली
सरकार को जनकल्याण के लिए उनकी सेवा की जरूरत है.'
केजरीवाल ने पीएम मोदी को पुनर्विचार के लिए लिखा
केजरीवाल ने लिखा, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि लोगों के व्यापक हितों और दिल्ली के लोगों के कल्याण के लिए आप
संजीव चतुर्वेदी की अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति पर एक बार फिर विचार करें.'
केंद्र ने ठुकराई केजरीवाल की अर्जी
इससे पहले, केजरीवाल ने 16 फरवरी, 2015 को केंद्र सरकार से 2002 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी चतुर्वेदी को
अपने कार्यालय में ओएसडी नियुक्त करने के बारे में पत्र लिखा था. केंद्र सरकार ने केजरीवाल के आग्रह को जून, 2016 में
खारिज कर दिया था.
सीएम और मंत्री को मिलता है पसंदीदा अफसर
केजरीवाल ने लिखा, 'हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसा पहले से होता रहा है कि जब किसी मुख्यमंत्री या मंत्री या किसी
सरकार को निजी कर्मचारी के रूप में किसी अधिकारी की जरूरत होती है, तो उसके पसंद के अधिकारी की ही नियुक्त की जाती
है.'
तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड का हवाला
उन्होंने लिखा, 'मैं हालांकि इस बात से हतप्रभ हूं कि 16 महीनों के विलंब और अदालत के चार निर्देशों के बावजूद आग्रह को
खारिज कर दिया गया.' केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली सरकार में जाने से पहले संजीव चतुर्वेदी को तीन साल का कूलिंग
ऑफ पीरियड पूरा करना होगा.
केजरीवाल और चतुर्वेदी को मिला है मैग्सेसे पुरस्कार
उत्तराखंड कैडर के संजीव चतुर्वेदी मैग्सेसे पुरस्कार विजेता हैं. फिलहाल यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उप
सचिव हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मैग्सेसे पुरस्कार विजेता हैं.