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दिल्ली में श्रमिकों को मिलेगी फ्री बस यात्रा! जानें क्या है केजरीवाल सरकार का प्लान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को श्रम विभाग के अधिकारियों से डीटीसी के साथ बात करने के लिए कहा है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार श्रमिकों की ओर से बसों के पास के लिए कुछ शुल्क का भुगतान कर सकती है, जिससे वह बसों में मुफ्त यात्रा कर सकें. आइए जानते हैं क्या है पूरा प्लान.

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Delhi government exploring possibility of providing free bus passes to construction workers
Delhi government exploring possibility of providing free bus passes to construction workers

दिल्ली सरकार महिलाओं की तरह दिल्ली में पंजीकृत लाखों निर्माण श्रमिकों को भी डीटीसी की बसों में फ्री सफर का तोहफा दे सकती है. इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग को डीटीसी से बात करके इसकी संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. अगर यह संभव होता है, तो दिल्ली सरकार बस पास के बदले डीटीसी को एक तय शुल्क का भुगतान करेगी ताकि उसको आर्थिक नुकसान न हो. 

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को हर एक श्रमिक को मुफ्त बस पास उपलब्ध कराने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से डीटीसी के साथ बात करने के लिए कहा है कि क्या सरकार श्रमिकों की ओर से बसों के पास के लिए कुछ शुल्क का भुगतान कर सकती है, जिससे कि वे बसों में मुफ्त यात्रा कर सकें. ऐसा करने से डीटीसी राजस्व भी अर्जित करेगा और श्रमिकों को मुफ्त बस पास भी मिल सकेगा. हम इन पंजीकृत श्रमिकों को अपना बस पास लेने के लिए तैयार कर सकते हैं. बहुत से श्रमिक उपलब्ध योजनाओं के बारे में भी नहीं जानते हैं. 

श्रम विभाग के साथ केजरीवाल की बैठक
इसके अलावा, वकीलों की तरह निर्माण श्रमिकों को भी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा मिल सकती है. मुख्यमंत्री ने विभाग को इसका आंकलन करने को कहा है. बुधवार को श्रम विभाग के साथ बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिशा- निर्देश देते हुए कहा कि श्रम विभाग धनराशि का सकारात्मक और प्रभावी उपयोग करें ताकि पंजीकृत सभी श्रमिकों को लाभ मिल सके. 

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अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट 1996 और इससे जुड़े नियमों के बारे में जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से 13.4 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं. अप्रैल महीने से इनका नवीनीकरण किया जाएगा. इनमें से लगभग 5.36 लाख कर्मचारी किसी भी समय राज्य में काम करने के लिए मौजूद हैं. 

इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कंस्ट्रक्शन वर्कर की परिभाषा बहुत व्यापक है और प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रिशियन आदि भी इसमें आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का ठीक से प्रचार-प्रसार किया जाए तो लगभग 25-30 लाख श्रमिक दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से पंजीकृत हो सकते हैं. 

23.5 लाख श्रमिक केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि करीब 23.5 लाख श्रमिक केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं, लेकिन उन्हें वहां कोई लाभ नहीं मिलता है. हमने अपने श्रमिकों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन कई लोग इसका लाभ लेने के लिए आगे नहीं आते हैं. हमें श्रमिकों को अपनी योजनाओं के तहत पंजीकृत कराने का प्रयास तेज करने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिल सके.

वहीं, जब श्रमिक अपना पंजीकरण कराते हैं, तो वे कभी-कभी नहीं आते. कोई सत्यापन नहीं होने के कारण उनको लाभ नहीं मिल पाता है. श्रमिकों का समय पर और त्वरित सत्यापन बहुत जरूरी है. साथ ही, अधिक से अधिक जागरुकता पैदा करने की भी आवश्यकता है. 

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उन्होंने कहा कि आवेदन पर आधारित योजनाएं श्रमिकों के आवेदन करने पर निर्भर करती हैं. उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि क्या हम कोई ऐसी ‘कार्पेट बॉम्बिंग’ योजना शुरू कर सकते हैं, जिससे सभी श्रमिक लाभान्वित हों? सीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि कोविड के दौरान किसी ने आवेदन किया हो या नहीं, लेकिन सभी श्रमिकों को लाभ हुआ था. इस तरह के उपाय हमारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने में मदद करेंगे. 

श्रमिकों को रियायती आवास उपलब्ध कराने की बात
इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने विभाग को 60 वर्ष से अधिक आयु के पेंशन धारकों  का डेटा निकालने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विभाग को 60 वर्ष या उससे अधिक आयु और निर्माण कार्य में लगे लोगों की पहचान करने की ज़रूरत है. ऐसे लाभार्थियों की पहचान की जाए और उपलब्ध योजनाओं का उनको लाभ दिया जाए. विभाग को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि पेंशन योजना से अधिक से अधिक लाभार्थी लाभांवित हों और इसमें कोई दोहराव न हो. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को रियायती आवास उपलब्ध कराने की संभावना भी तलाशने का निर्देश दिया. 

श्रमिकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने को लेकर की योजनाओं की समीक्षा
अरविंद केजरीवाल ने श्रमिकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने को लेकर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की भी समीक्षा की. दिल्ली सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए निर्माण श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति और अन्य मदद करती है. कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को 500 रुपए प्रतिमाह, कक्षा 9 से 10 के बच्चों को 700 रुपये, कक्षा 11 से 12 के बच्चों को 1,000 रुपये, स्नातक स्तर पर 3,000 रुपये, पांच वर्ष एलएलबी कोर्स के लिए 4,000 रुपये, तीन वर्ष के एलएलबी कोर्स के लिए 3,000 रुपये, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के लिए 5,000 रुपये और तकनीकी पाठ्यक्रम जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता है. 

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मुख्यमंत्री ने विभाग को जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना की तर्ज पर इस योजना पर काम करने का निर्देश दिया, जहां निर्माण श्रमिकों के बच्चे मुफ्त कोचिंग का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने विभाग से पाठ्यक्रम आधारित छात्रवृत्ति की अधिकतम सीमा हटाने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि इस निर्धारित सहायता के बजाय विभाग को छात्रों को राहत देने के लिए वास्तविक जरूरत के अनुसार भुगतान करना चाहिए. 


 

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