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CBI छापे पर बोले केजरीवाल- केंद्र का दिल्ली सरकार के काम-काज में अड़ंगा डालना ठीक नहीं

पूरे मामले में 'आजतक' ने मनीष सिसोदिया से खास बातचीत की है. सीबीआई की घण्टों चली पूछताछ पर सिसोदिया ने कहा 'केंद्र को जो छानबीन करनी है वो करे, मैं अपने काम मे जुटा रहूंगा. अगर वो हमें उठाकर जेल में भी डाल दें, तो हम हटेंगे नहीं'.

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डिप्टी सीएम मनीष के घर पड़ा था CBI का छापा
डिप्टी सीएम मनीष के घर पड़ा था CBI का छापा

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दिल्ली सरकार में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से सीबीआई की पूछताछ पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. 'आजतक' के सवाल का जवाब देते हुए केजरीवाल ने तीखे अंदाज़ में कहा कि केंद्र का दिल्ली सरकार के कामकाज में अड़ंगा डालना ठीक नहीं है. सीबीआई छापे को आम आदमी पार्टी ने केंद्र की बड़ी साजिश करार दिया था.

शुक्रवार को सीबीआई के एक टीम ने कई घंटों तक डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर 17A मथुरा रोड पर पूछताछ की थी. सूत्रों के मुताबिक टॉक टू एके कार्यक्रम को लेकर पूर्व एलजी नजीब जंग की शिकायत पर सीबीआई ने सिसोदिया से कई सवाल पूछे थे. शनिवार को जब सीएम केजरीवाल से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि 'केंद्र के लोग पीछे पड़े हुए हैं, उन्हें जो करना है करने दो, लेकिन इस तरह सरकार के कामकाज में अड़ंगा डालना ठीक नहीं'. आगे केजरीवाल ने जोर देते हुए कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.

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पूरे मामले में 'आजतक' ने मनीष सिसोदिया से खास बातचीत की है. सीबीआई की घण्टों चली पूछताछ पर सिसोदिया ने कहा 'केंद्र को जो छानबीन करनी है वो करे, मैं अपने काम मे जुटा रहूंगा. अगर वो हमें उठाकर जेल में भी डाल दें, तो हम हटेंगे नहीं'. दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि 'टॉक टू एके' की शुरुवात के लिए तमाम नियमों का पालन किया गया था.

केजरीवाल सरकार के मुताबिक कंसल्टेंट कंपनी परफेक्ट रिलेशन ने 6 जुलाई को अपना प्रपोजल दिया, जिसके बाद परफेक्ट रिलेशन को यह काम 3 शर्तों के साथ दिया था. वह शर्तें यह थीं.

1. कंसल्टेंट कंपनी एक अंटरटेकिंग देगी कि फेसबुक, यू ट्यूब और गूगल की ओर से तय किये गए रेट कम से कम और नॉन-नेगोसियबल हैं. कंसल्टेंट कंपनी इन कंपनियों से किसी भी तरह की रियासत, छूट या कमीशन नहीं लेगी और अगर कंसल्टेंट को किसी तरह की रियासत, छूट या कमीशन या और किसी भी तरह का फायदा मिलता है तो वह उसके बिलों से काट लिया जाएगा.
2. इस काम के लिए कंसल्टेंट कंपनी को डीआईपी के साथ अनुबंध में उपलब्ध शर्तों के अलावा किसी भी तरह का चार्ज नहीं दिया जाएगा.
3. सरकार इसके लिए कोई एडवांस पेमेंट नहीं देगी और ना ही रियल टाइम टाइम पेमेंट दिया जाएगा. भुगतान वास्तविक बिल जमा करने के बाद ही किया जाएगा.

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