अपनी राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की योजना में विलंब होता देख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नाराज हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकारों की लड़ाई जीतने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फूड एंड सप्लाई विभाग को राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए थे और उपराज्यपाल द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया था.
खबरों के मुताबिक फूड कमिश्नर ने इस योजना पर सुविचार के लिए दिल्ली सरकार के कानून विभाग को भेज दिया है और उनसे सलाह मांगी है कि इस योजना के लिए क्या केंद्र सरकार की अनुमति की जरूरत है. खबरों के मुताबिक फूड कमिश्नर राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर केंद्र सरकार द्वारा राइट टू फूड एक्ट के तहत कानून विभाग से मंजूरी चाहते हैं.
फूड कमिश्नर द्वारा कानून विभाग को फाइल भेजे जाने से भड़के अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला और कहा, 'कभी सुना था कि कोई अफसर सरेआम कैबिनेट और मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करने से मना कर दे? इसलिए भाजपा सर्विसेज अपने पास रखना चाहती है.'
केजरीवाल ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि गरीबों के लिए लागू की जाने वाली इस योजना में बीजेपी अड़ंगा लगा रही है. केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरी दिल्ली देख ले कि किस बेशर्मी से बीजेपी दिल्ली के गरीबों की 'घर घर राशन' स्कीम रोक रही है. अगली बार वोट देने जाओ तो ये याद रखना.
केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के साथ केजरीवाल की लड़ाई सर्विसेस विभाग को लेकर है और केजरीवाल का आरोप है कि इसी अधिकारों का इस्तेमाल कर उपराज्यपाल सीधे-सीधे अफसरों को काम करने से रोक रहे हैं. केजरीवाल ने एक खबर का हवाला देते हुए लिखा कि इससे (खबर से ) अफसर और एलजी के बीच की जुगलबंदी साफ नजर आ जाएगी. इस खबर से साफ जाहिर है कि अफसरों को काम करने से रोकने के लिए कहां से कहा जा रहा है. ये लड़ाई सीधे केंद्र की बीजेपी सरकार और जनता के बीच है. मैं तन मन धन से जनता के हकों के लिए लड़ता रहूंगा. जीत जनता की होगी.
ये ख़बर पढ़ के अफ़सर और LG के बीच की जुगलबंदी साफ़ नज़र आ जाएगी। इस ख़बर से साफ़ ज़ाहिर है की अफ़सरों को काम करने से रोकने के लिए कहाँ से कहा जा रहा है
ये लड़ाई सीधे केंद्र की भाजपा सरकार और जनता के बीच है। मैं तन मन धन से जनता के हक़ों के लिए लड़ता रहूँगा। जीत जनता की होगी pic.twitter.com/C55HtBDraB
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 11, 2018
केजरीवाल सरकार का मानना है कि फूड सिक्योरिटी कानून के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देना केंद्रीय कानून है, लेकिन उनको राशन कैसे मुहैया कराया जाए या उसकी वितरण पद्धति क्या हो यह फूड सिक्योरिटी एक्ट का हिस्सा नहीं है बल्कि राशन के वितरण का अधिकार और उसकी व्यवस्था करने का अधिकार राज्यों के पास है.
केजरीवाल का आरोप है कि अधिकारी चुनी हुई सरकार के काम में अभी भी अड़ंगा लगा रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा कि सुप्रीम कोर्ट में हारने के बाद बीजेपी के एलजी गुंडागर्दी से अफसरशाही पर नाजायज कब्जा करके बैठ गए. अफसरों को दिल्ली सरकार के आदेशों को ना मानने और खुले आम सरकारी आदेशों का पालन ना करने के लिए कहा जा रहा है.
केजरीवाल चुनाव से पहले दिल्ली में राशन व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए गरीबों को घर-घर राशन भिजवाना चाहते हैं. सरकार के मुताबिक राशन की वितरण पद्धति में इतनी खामियां हैं जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है साथ ही गरीबों को परेशान होना पड़ता है. ऐसे में इस योजना से संबंधित फाइल एक विभाग से दूसरे विभाग तक घूमने की स्थिति ने एक बार फिर सरकार और अधिकारियों के बीच विवाद खड़ा कर दिया है.