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मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल को पेशी से मिली राहत, सुनवाई टली

राजीव बब्बर की ओर से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में अब चुनाव के बाद सुनवाई होगी. कोर्ट में केजरीवाल के वकील के तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कार्यक्रम सौंपने के बाद कोर्ट से छूट मिल गई.

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फाइल फोटो- अरविंद केजरीवाल
फाइल फोटो- अरविंद केजरीवाल

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राजीव बब्बर की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के एक मुकदमे की सुनवाई को दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने लोकसभा चुनाव खत्म होने तक टाल दिया है. मानहानि के इस केस में अरविंद केजरीवाल को मंगलवार को पेश होना था.

जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वकीलों ने कहा कि आज मुख्यमंत्री दिल्ली में नहीं है, वे चुनाव प्रचार के लिए हरियाणा में है. लिहाजा कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत पेशी से केजरीवाल को छूट दी जाए.

कोर्ट में केजरीवाल के वकील के तरफ से मुख्यमंत्री का कार्यक्रम सौंपने के बाद कोर्ट ने केजरीवाल को पेशी से छूट दे दी. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 जून को करेगा. केजरीवाल के अलावा इस मामले में AAP के सांसद सुशील गुप्ता, पार्टी नेता आतिशी और आदमी पार्टी पार्टी के विधायक मनोज कुमार को भी पेश होने को कहा गया था. कोर्ट ने कहा है अगली तारीख में सभी को पेश होना होगा.

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आरोप था कि मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लोगों को बीजेपी के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया. वोटरों को झूठ बोला कि वैश्य और कुछ और जातियों का वोट बीजेपी ने कटवा दिया है. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि यह पूरी तरह से मनगढ़ंत और बीजेपी को बदनाम करने की साजिश के तहत जानबूझकर किया गया है. जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के कुछ नेता शामिल हैं.

राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि केजरीवाल ने 8 दिसंबर 2018 को ट्वीट कर दावा किया था कि दिल्‍ली में अग्रवाल समाज के कुल आठ लाख वोट हैं. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया था कि उनमें से लगभग चार लाख वोट भाजपा ने कटवा दिए. मतलब 50 फीसदी. आज तक यह समाज भाजपा का कट्टर वोटर था. इस बार नोटबंदी और GST की वजह से ये नाराज हैं तो भाजपा ने इनके वोट ही कटवा दिए.

हालांकि चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के इस दावे को खारिज कर दिया था, इस केस में चुनाव आयोग की तरफ से दिए गए हलफनामे में साफ कर दिया गया कि जाति धर्म के आधार पर वह वोटरों का डाटा अपने पास रखते ही नहीं है.

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इसके अलावा चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है और कोई भी राजनीतिक पार्टी दबाव नहीं डाल सकती. बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने केजरीवाल और अन्य के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था, कोर्ट ने पिछली तारीख पर समन भेजकर केजरीवाल समेत तमाम आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी.

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