दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गरीबों के घर राशन की होम डिलीवरी वाली योजना को खारिज किए जाने से नाराज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के बजट पर चर्चा के दौरान केजरीवाल ने केंद्र सरकार के कामकाज और दिल्ली सरकार के कामकाज की तुलना सदन में करते हुए विरोधियों पर बड़े निशाने साधे. केजरीवाल ने बताया कि साल 2014 और 2015 में राजनीति में दो बड़े बदलाव हुए थे. 4 साल पहले बीजेपी को केंद्र में लाकर जनता ने बम्पर वोट से जिताया और 3 साल पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सत्ता देकर परिवर्तन की उम्मीद जगाई थी.
बीजेपी काल में हुए कई बैंक घोटाले
उन्होंने आगे कहा, मैंने जनता से सर्वे करवाया है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने क्या काम किया और आम आदमी पार्टी सरकार ने क्या किया. बीजेपी के बारे में लोग कह रहे हैं कि बैंक के जितने घोटाले हुए वो इस सरकार के कार्यकाल में हुए. 9 हजार करोड़ लेकर विजय माल्या को भगाया गया. नीरव मोदी को 11 हजार करोड़ लेकर भगा दिया. आज फ्री में कोई बेटा अपने बाप के लिए काम नहीं करता. जाहिर सी बात है कि पैसा लेकर लोगों को भगाया जा रहा है. यही वजह थी कि यूपीए को जनता ने हटाया था.'
मुख्यमंत्री ने कई संवैधानिक संस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आरबीआई, सीबीआई, लोकपाल, यूनिवर्सिटी और चुनाव आयोग का देश में मजाक बन गया है. केजरीवाल ने अपनी सरकार के अच्छे काम भी गिनाए और कहा कि दिल्ली में शिक्षा में क्रांति आ गई. स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबरदस्त काम हुआ है. सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में मिल रही है.
केजरीवाल ने बताया कि पानी को लेकर भी दिल्ली में खूब काम हुआ, लेकिन पिछले 3 महीने से पानी पर राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा से अमोनिया वाला पानी भेजा जा रहा था. कोर्ट गए तो अमोनिया ठीक किया पर पानी का स्तर 70 MGD कम कर दिया. ये लोग दिल्ली वालो को प्यासा मारना चाहते हैं, इन्हें लोगों की हाय लगेगी."
आम चुनाव से पहले आप की तैयारी
दिल्ली सरकार गरीबों के घर राशन की होम डिलीवरी वाली योजना खारिज होने के बाद बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है. यह तैयारी इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले साल ही दिल्ली में लोकसभा के सातों सीटों पर चुनाव होना है. केजरीवाल सरकार ने बीपीएल कार्ड धारक गरीब तबके को राशन की दुकानों में लंबी लंबी लाइनों में खड़ा होने के झंझट से बचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी योजना तैयार की थी.
इस योजना के तहत सरकार द्वारा सस्ते दाम पर वितरित किया जाने वाला राशन गरीबों को उनके घर पर बंद पैकेटों में भिजवाए जाने की योजना थी. केजरीवाल सरकार ने इस योजना को कैबिनेट से पास कर के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास मंजूरी के लिए भेजा था.
उपराज्यपाल ने सरकार की इस योजना पर आपत्ति जताते हुए उसे खारिज कर दिया. दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में बोलते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में उपराज्यपाल के साथ-साथ बीजेपी पर भी इस योजना को खारिज करने का ठीकरा फोड़ा.
केजरीवाल ने न सिर्फ उपराज्यपाल को बीजेपी के इशारे पर इस योजना को खारिज करने का आरोप लगाया बल्कि यह भी कहा कि दिल्ली में राशन की दुकानें बीजेपी और कांग्रेस के लोग चलाते हैं और इस योजना के जरिए उनकी दुकान बंद होने के डर से उन्होंने यह योजना रुकवाई.
दूसरी ओर, केजरीवाल के इशारों पर बोलते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार इस योजना के जरिए अमीरों और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती थी.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यहां तक कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल से निजी तौर पर इस योजना को मंजूरी देने की गुहार लगाई थी जिसके बावजूद भी उपराज्यपाल ने योजना को खारिज कर दिया. विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह अगले सप्ताह से दिल्ली में हर दिन गरीबों के घर जाएंगे और उनके विधायक भी हर घर जाएंगे और लोगों से कहेंगे कि बीजेपी ने अपने फायदे के लिए उपराज्यपाल से कहकर उनके हित की योजना को रुकवा दिया.
अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के सभी विधायक अगले सप्ताह से दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियों और बस्तियों में जाकर प्रचार करेंगे और बीजेपी के खिलाफ जनता से शिकायत करेंगे.