दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, परिसीमन के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, यह कमेटी 4 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. इसको लेकर जहां अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं, वहीं दिल्ली बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत किया है.
परिसीमन के लिए गठित की गई कमेटी को लेकर आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. आप विधायक आतिशी ने बीजेपी पर एमसीडी चुनाव को टालने का आरोप लगाया. आतिशी ने कहा कि दिल्ली में अप्रैल में MCD चुनाव होने थे, दिल्ली वाले इसका इंतजार कर रहे थे कि कब 15 साल का BJP का भ्रष्टाचार और कुशासन का राज खत्म होगा. इसलिए BJP ने सोचा कि चुनाव टालने के लिए कुछ करना पड़ेगा. इसीलिए चुनाव की घोषणा वाले दिन ही चुनाव आयोग की केंद्र सरकार से चिट्ठी आती है कि हम संसद में एमसीडी को एक करने वाला बिल लेकर आ रहे हैं. उसके बाद BJP नेताओं ने कहा कि यह बिल एमसीडी को पूरी तरह से बदल देगा. 4 पन्ने के बिल में रिफॉर्म की बात कहीं नहीं दिखती है, केवल 3 एमसीडी की जगह एक एमसीडी करने की बात होती है. इस बिल में एक क्लॉज होता है कि 272 वार्ड की जगह 250 वार्ड से ज्यादा अब नहीं रहेंगे.
परिसीमन का आदेश खोखला: आतिशी
आतिशी ने कहा कि यह क्लॉज इसलिए डाला गया था क्योंकि परिसीमन की प्रक्रिया दोबारा होगी और यह चुनाव टालने की एक प्रक्रिया के लिए थी. 18 अप्रैल को इसका गजट नोटिफिकेशन होता है, लेकिन 3 महीने के भीतर भी परिसीमन की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है. 8 जुलाई को MHA का एक आदेश आता है कि परिसीमन के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है, यह कमेटी 4 महीने में रिपोर्ट देगी. लेकिन आदेश में यह नहीं लिखा गया है कि कितने वार्डों में परिसीमन करना है. दिल्ली में कितने वार्ड बनाए जाने हैं. इसलिए परिसीमन का यह आदेश खोखला है. इस आदेश के जरिए तो कमेटी काम शुरू भी नहीं कर सकती है.
चुनाव में देरी करना चाहती है बीजेपी: AAP
आप नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी एमसीडी चुनाव में देरी करने का प्रयास कर रही है. उन्हें पता है कि अगर चुनाव हो गए तो दिल्ली की जनता उन्हें एमसीडी से बाहर कर देगी. लेकिन मैं BJP को बताना चाहती हूं कि 2013 के बाद दिल्ली में चुनाव टालने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. तब जितना चुनाव डिले हुआ AAP को उतनी ही सफलता मिली. पहले चुनाव में 28 सीटें मिली थीं जो दूसरे चुनाव में बढ़कर 67 हो गईं.
केजरीवाल ने खड़े किए सवाल
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी इसको सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "हमें खुशी है कि केंद्र सरकार ने MCD के वार्ड delimitation के लिए कमेटी का गठन कर दिया, लेकिन दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, इसका कोई आदेश नहीं किया. फिर ये कमिटी काम कैसे करेगी?"
दिल्ली बीजेपी ने किया स्वागत
हालांकि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है. आदेश गुप्ता ने ट्वीट कर लिखा, "केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली में नगर निगम वार्डों के नए परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय कमिटी का गठन करना एक सराहनीय कदम है. इस महत्वपूर्ण निर्णय का हम स्वागत करते हैं."