आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के भिंड में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ पर राष्ट्रीय चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने ईवीएम के सॉफ्टवेयर से जुड़ा डाटा सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर चुनाव आयोग के पास डाटा डिकोड करने की तकनीक उपलब्ध नहीं है तो आम आदमी पार्टी के एक्सपर्ट 72 घंटे में ऐसा कर सकते हैं.
वोटिंग मशीनों की कराई जाए जांच
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने कहा, 'मध्य प्रदेश में एक ऐसी EVM सामने आई है, जिसमें कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जा रहा है. ये भी सुनने में आया है कि उस मशीन समेत कुल 300 मशीनें उत्तर प्रदेश के कानपुर के गोविंदनगर से मध्य प्रदेश के उपचुनाव के लिए मंगाई गईं हैं. इन मशीनों में क्या खास था जो नियम-कानून को तोड़ते हुए ये विशेष EVM ही मध्य प्रदेश भेजी गईं हैं? आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग से मांग करती है कि ऐसी मशीनों की जांच कराई जाए और सच्चाई जनता के समक्ष रखी जाए.'
चुनाव आयोग पर केजरीवाल के आरोप
नियमों का हवाला देते हुए केजरीवाल ने चुनाव आयोग को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा, 'हाल ही में सामने आया कि मध्य प्रदेश के भिंड में होने वाले उपचुनाव में इस्तेमाल होने वाली EVM में कोई भी बटन दबाने पर वीवीपैट मशीन से बीजेपी के चुनाव चिन्ह की पर्ची निकल रही थी. नियम यह कहता है कि किसी भी चुनाव नतीजों के बाद 45 दिन तक उसमें इस्तेमाल हुईं मशीनें किसी दूसरी जगह नहीं भेजी जा सकती क्योंकि अगर कोई भी नतीजों को लेकर कोई याचिका लगा देता है तो मशीनों का क्रॉस-सत्यापन किया जा सके, लेकिन चुनाव आयोग ने सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर यूपी चुनाव में इस्तेमाल हुईं मशीनों को समय से पहले ही मध्य प्रदेश भेज दिया.'
बैलेट पेपर से होना चाहिए MCD चुनाव
ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने वाले केजरीवाल से जब 'आज तक' ने सवाल पूछा कि अगर आम आदमी पार्टी को ईवीएम पर भरोसा नहीं है तो क्या वो एमसीडी चुनाव टालने की मांग करेगी. इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए और इसके लिए एमसीडी चुनाव टाला जा सकता है, तो टाला जाए.