दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए कोर्ट से एक और बड़ी राहत की खबर है, दरअसल मानहानि के एक मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने केजरीवाल को आरोप मुक्त कर दिया है. मानहानि का मुकदमा दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) और उस वक्त के डीडीसीए के वाइस प्रेसिडेंट चेतन चौहान की तरफ से किया गया था.
इस मामले में अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ कीर्ति आजाद को भी सह आरोपी बनाया गया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चेतन चौहान का केस में अब कोई आधार ही नहीं बनता, क्योंकि अब वह डीडीए के पदाधिकारी नहीं हैं, वह अब यूपी में कैबिनेट मंत्री हैं. वहीं, डीडीसीए ने सीएम और पूर्व क्रिकेटर की आरोपों से मुक्त करने संबंधी अर्जी का विरोध नहीं किया.
2015 में लगाया था आरोप
29 दिसंबर 2015 में अरविंद केजरीवाल ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि खिलाड़ियों के चुनाव को लेकर भी बड़े पैमाने पर धांधली होती है. उन्हें एक सीनियर जर्नलिस्ट ने फोन किया, जिनका बेटा क्रिकेट खेलता था.
उन्होंने बताया कि उनका बेटा सिलेक्ट हो गया है, लेकिन शाम को जब लिस्ट आई तो उसमें उसका नाम नहीं था. अगले दिन जर्नलिस्ट की पत्नी को एक एसएमएस मिला कि रात में तुम मेरे ऑफिस आओ और अगले दिन लिस्ट में तुम्हारे बेटे का नाम होगा.
कीर्ति आजाद पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपमानजनक बयानों का समर्थन किया जबकि वह अच्छे से जानते थे कि ये सब बयान झूठे हैं. इस साल का मानहानि का यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को आरोप मुक्त किया है.
अरविंद केजरीवाल इस साल आधा दर्जन से ज्यादा मानहानि के मुकदमों में माफी मांगकर केस को कोर्ट से पहले ही खत्म करा चुके हैं.
पंजाब में मजीठिया से माफी मांगी और फिर दिल्ली में नितिन गड़करी से लेकर अरुण जेटली तक से अरविंद केजरीवाल लिखित माफी मांग कर अपने खिलाफ चल रहे मानहानि के मुकदमों को खत्म करा चुके हैं.
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पुलिस को खुल्ला बोलने को लेकर दिल्ली पुलिसकर्मियों द्वारा दायर किए गए मानहानि के मामले में मुख्यमंत्री से पूछा कि वह इस केस को भी माफी मांग कर क्यों नहीं खत्म करते.