आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मोदी सरकार और बीजेपी को घेरने की तैयारी कर ली है. मोदी सरकार की ओर से इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन के लिए प्रस्तावित बिल को लेकर केजरीवाल विरोध कर रहे हैं. अब इसी संशोधन कानून को हथियार बनाकर वे बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल करने जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन के लिए सभी राज्यों को बिल की कॉपी भेजी है और 45 दिनों में सुझाव मांगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री का आरोप है कि इस कानून में जो प्रावधान सुझाए गए हैं उसके मुताबिक देशभर में बिजली पर क्रॉस सब्सिडी खत्म कर दी जाएगी जिससे डोमेस्टिक और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं की बिजली की दरें एक जैसी हो जाएंगी.
गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में बिजली की खपत पर पचास फीसदी सब्सिडी देती है जिससे देश भर में दिल्ली में बिजली की दरें सबसे कम हैं. शनिवार को पूर्वी दिल्ली में आयोजित एक सभा में बोलते हुए केजरीवाल ने ऐलान किया कि वह संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार की ओर से लाया जाने वाला यह संशोधन प्रस्ताव किसी भी हाल में पास नहीं होने देंगे और विपक्षी दलों के साथ मिलकर इसका विरोध करेंगे.
केजरीवाल ने गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी भी लिखी है जिसमें इस संशोधन के खिलाफ समर्थन मांगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुदुचेरी और पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखकर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन कानून का विरोध करने की गुजारिश की है. केजरीवाल का आरोप है कि अगर यह कानून पास हो गया तो बिजली की दरों में कई सौ प्रतिशत की बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाएगी और केंद्र सरकार कुछ बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून लेकर आ रही है.
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट को लेकर केजरीवाल नवंबर महीने से गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अलग-अलग राज्यों में जाकर मुलाकात करेंगे और इस कानून के विरोध में समर्थन मांगेंगे. साथ ही आम आदमी पार्टी दिल्ली में बीजेपी के साथ और सांसदों को घेरने के लिए बिजली को बड़ा मुद्दा बनाएगी और घर-घर जाकर इस कानून के बारे में बताएगी.
केजरीवाल अपनी रैलियों में इस प्रस्तावित संशोधन बिल की कॉपी लगातार ले जाकर दिखा रहे हैं और उनसे अपील करते हैं कि अगर उन्होंने बीजेपी को लोकसभा चुनाव में दोबारा चुनकर भेजा तो फिर उसके लिए जनता खुद जिम्मेदार होगी। भावी लोकसभा चुनाव के पहले केजरीवाल को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है जिससे वह बीजेपी को घेर सकें.