दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिर एक बार मोदी सरकार को निशाने पर लिया. छत्रसाल स्टेडियम में तिरंगा फहराने गए केजरीवाल ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्कॉलर रोहित वेमुला की खुदकुशी का मुद्दा उठाया. बोले- क्या देश में ऐसे हालात आ गए कि कि बाबा साहेब अंबेडकर के रास्ते पर चलना देशद्रोह हो गया है? यह जातिवाद है या आतंकवाद?
बोले- स्टूडेंट का सम्मान हो
केजरीवाल ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रियों ने इतना दवाब डाला कि रोहित को आत्महत्या करनी पड़ी. चिट्ठी में रोहित गिड़गिड़ा रहा है कि सस्पेंड न करो. रोहित दलित और गरीब परिवार से था. एक छात्र को जो तकलीफ होती है उसके लिए ऐसे छात्र का सम्मान करें. ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि स्टूडेंट का सम्मान हो.'
बोले- मैं तो फक्कड़ आदमी हूं
केजरीवाल ने दिसंबर में दिल्ली सचिवालय में पड़ी रेड का मसला भी उठाया. बोले- 'मैं तो फक्कड़ आदमी हूं. सीबीआई को रेड में भी कुछ नहीं मिला. कोर्ट ने कहा है कि दफ्तर से जितनी फाइल लाए हो, वापस करो. ये गलत है. सीबीआई वाले अधिकारी को बुलाते हैं, घंटों बैठाते हैं कि चेतन सांघी को ठीक कर दिया. CM का साथ मत दो. लेकिन मैं कहता हूं आज जो भी हमारे काम में अड़चन डाल रहे हैं, उनके लिए मैं दीवार बनकर खड़ा हूं . वो तलवार या तीर चलाएं सब सह लूंगा.'
'केंद्र ने बनाया मजाक'
केजरीवाल ने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी गई. केंद्र में अगर एक सरकार है और दूसरे राज्य में दूसरी पार्टी की सरकार है तो क्या उसे अलग कर दिया जाए? 26 जनवरी से पहले यह सबसे बड़ा मजाक है. केजरीवाल ने कहा, कई लोगों के फोन आए कि अगला नंबर दिल्ली का है. राष्ट्रपति शासन लगेगा. ऐसे कैसे लगेगा. हमारी तो 67 सीट हैं. ऑड-इवन आया, स्कूल की हालत ठीक कर रहे हैं. 20 हजार लीटर पानी फ्री कर दिया. बिजली में स्कीम दे दी. फिर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन कैसे लगेगा?'