मोदी सरकार पर काम न करने देने के आरोप लगाने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस बार खुद घिर गए हैं. केजरीवाल पर आरोप हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री की एक कौशल योजना में अड़ंगा लगाया है और ये अड़ंगा ऐसा है जिसमें दिल्ली में हजारों युवाओं को बेरोजगार कर दिया है. दरअसल, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना यानी पीएमकेवीवाई जुलाई 2015 में शुरू हुई. इस योजना का मकसद देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है, जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके.
इसमें ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद भुगतान करती है. PMKVY में 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है. कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है जो पूरे देश में मान्य होता है. ये योजना युवाओं को नौकरी के सुनहरे सपने दिखाता है, लेकिन यहां सवाल सिर्फ सुनहरे सपनों के पूरा होने का नहीं है, बल्कि इन इन सपनों के पूरा होने का है. वो सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार की मदद से होते हैं, जिनमें केजरीवाल की दिल्ली सरकार पूरी तरह से फेल नज़र आ रही है.
298 सेंटरों में से चल रहे हैं सिर्फ 15
'आजतक' के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कौशल विकास योजना के लिए दिल्ली सरकार को 15 करोड़ रुपये दिए हैं. अब 54 करोड़ की दो किश्तें केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को और देने वाली है. बावजूद इसके युवाओं को रोज़गार देने के लिए शुरू की गई कौशल विकास योजना दिल्ली में धूल फांक रही है. इसके चलते 298 सेंटरों में से अब केवल 15 ही सेंटर चल रहे हैं. ज्यादातर लोगों ने या तो इस योजना से अपने आपको किनारे कर लिया है या फिर कईयों के सेंटर्स पर ताला जल गया है.
सेंटर मालिकों ने कहा, दिल्ली सरकार नहीं कर रही आर्थिक मदद
रोहिणी के बुद्ध विहार में रहने वाले विनोद राजौरा पिछले 4 महीने से किराया न भर पाने के कारण अपने सेंटर को बंद कर दिया. यही हाल पीतमपुरा में रहने वाली शालू मनचंदा का है. शालू मनचंदा ने एडमिनिस्ट्रेशन की नौकरी छोड़ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में पूरी जिंदगी भर की कमाई लगा दी, लेकिन सरकार की तरफ से पैसा ना मिल पाने के कारण शालू का सेंटर पर लगा लाखों रुपया धूल फांक रहा है. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के पास केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना का पूरा पैसा आ चुका है, लेकिन दिल्ली सरकार उनके सेंटरों को चलाने के लिए पैसा नहीं दे रही है.
सरकार ऐसे करती है ट्रेनिंग सेंटर की मदद
दरअसल कौशल विकास योजना के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलने की जरूरत होती है, जिसमें सरकार आर्थिक मदद करती है. इसके तहत किश्तों में सेंटर खोलने वालों को पैसे दिए जाते हैं. ट्रेनिंग सेंटर का पूरा सेटअप दिखाने के बाद सरकार 30 फीसदी रकम दे देती है, जबकि 20 से 30 फीसदी हिस्सा स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने के बाद दिया जाता है, लेकिन जो ट्रेनिंग सेंटर दिल्ली में खुले हैं उनको दिल्ली सरकार ने पैसा ही नहीं दिया है. ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि क्या केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर केंद्र सरकार की कौशल योजना को लटकाया है.
बीजेपी ने लगाया केजरीवाल सरकार पर ये आरोप
इस संबंध में हमने दिल्ली सरकार से संपर्क साधना चाहा तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की. वहीं, दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली के अंदर सही तरीके से मोदी सरकार की योजनाएं काम करें. यही वजह है जिसके कारण केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना को भी दिल्ली सरकार ने अब तक लागू नहीं किया है. जबकि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना पूरे देशभर में लागू हो चुकी है. हालांकि मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि वो जल्द इस मामले को लेकर के कौशल विकास मंत्री से मुलाकात करेंगे.