आम आदमी पार्टी से अलग हुए प्रशांत भूषण अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. भूषण ने शनिवार को सुबह-सुबह ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल के जनलोकपाल बिल को महाजोकपाल बताया. इससे पहले शुक्रवार शाम को भी ट्वीट कर जनलोकपाल को उन सिद्धांतों को तोड़ने वाला बताया था जो उन सभी ने मिलकर तय किए थे. प्रशांत भूषण के मुताबिक दिल्ली सरकार अपना लोकपाल बिल सोमवार को सदन में पेश करने वाली है.
Delhi Lokpal bill trashes all principles of an Ind Janlokpal that we had drafted: Appt & removal not under govt; Ind Inv agency under Lokpal
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 27, 2015
प्रशांत के केजरीवाल पर 8 हमले
1. अन्ना का आंदोलन स्वतंत्र लोकपाल के लिए था. लोकपाल सरकार से स्वतंत्र होना चाहिए. आप उस आंदोलन से निकली जिन्हें स्वतंत्र लोकपाल लाना था, लेकिन केजरीवाल के दिल्ली जनलोकपाल बिल में वो आत्मा नहीं है. केजरीवाल का बिल, महाजोकपाल है.
2. इस सरकार को आते ही जनलोकपाल लाना चाहिए था. लेकिन साढ़े नौ महीने बाद यह बिल आया. वह भी महाजोकपाल है. हमें इसकी एक कॉपी भी बड़ी मुश्किल से मिली. इस बिल को इस तरह गुप्त क्यों रखा गया. केजरीवाल को अब इस्तीफा दे देना चाहिए.
3. तब एक ड्राफ्टिंग कमिटी बनी. उसमें हम 5 लोग थे, संतोष हेगड़े, केजरीवाल, अन्ना और हम दोनों. इसमें कहा गया था कि लोकपाल को हटाने का अधिकार राजनीति से जुड़े लोगों को नहीं होगा. लेकिन सब सरकार और नेताओं के हाथ में दे दिया गया.
4. लोकपाल हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमिटी की सिफारिश होनी चाहिए. उत्तराखंड के लोकपाल में भी यही था कि सरकार का सिर्फ एक आदमी होगा. लेकिन इस लोकपाल में नियुक्ति से लेकर उस पर नियंत्रण और उसे हटाने तक सब सरकार के हाथ में है.
5. 2014 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो इस्तीफा इस आधार पर हुआ कि जनलोकपाल पेश नहीं हुआ. उसका आधार सिर्फ केजरीवाल को पता था. केबिनेट में लोकपाल पास हो गया फिर हमने चिट्ठी लिखकर लोकपाल मांगा और इसे प्राइवेट करने की बात कही.
6. अब लोकपाल ऐसा बनाया कि वह सरकार के कब्जे में रहेगा. चार में से तीन सरकार के लोग होंगे. इस बिल में लोकपाल को दो तिहाई बहुमत से हटाने का अधिकार दे दिया गया है.
7. इस बिल में ये ले आये कि दिल्ली का लोकपाल केंद्र के अधिकारी की जांच करेगा. यह प्रावधान इसलिए रखा गया ताकि केंद्र इसे पास ही न करे. यह दोबारा अटक जाएगा. केजरीवाल के मन में स्वतंत्र लोकपाल का इरादा नहीं था.
8. केजरीवाल का रुख अब बदल गया है. एक बार सत्ता में आ गए तब हम जवाबदेही नहीं होने देंगे वाला रवैया है. यह उस आंदोलन और लोगों के साथ धोखा है.
भूषण के आरोपों पर आप का पलटवार
प्रशांत भूषण के आरोपों पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है. पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि भूषण बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.
केजरीवाल को कोसने के लिये इतना उतावलापन क्यों भाई ? ये सब किसको फ़ायदा पंहुचाने के लिये ? कभी मोदी बीजेपी की भी आलोचना कर ले ?
— ashutosh (@ashutosh83B) November 28, 2015
अरूण जेटली के इशारे पर पहले चुनाव हरवाना चाहा , अब लोकपाल हड़पना चाहते है ? क्यों ? देश देख रहा है और इतिहास भी !
— ashutosh (@ashutosh83B) November 28, 2015
इतनी जलन अच्छी नहीं । दुश्मनी में भी कुछ मर्यादा होती है । ताकि कभी मिले तो नज़र न छुपाना पड़ें ।
— ashutosh (@ashutosh83B) November 28, 2015
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि रामलीला मैदान में तय हुए जनलोकपाल विधेयक को ही लाया जाएगा. उसमें थोड़ा भी बदलाव नहीं किया जाएगा.
We are committed to the Lokpal exactly what Was drafted and committed at Ramlila Maidan; not even a comma/ full stop changed! (1/2)
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 28, 2015
जनलोकपाल में क्या है खास
बिल में भ्रष्टाचार के मामलों में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. जनलोकपाल को ऐसे मामलों में जांच के लिए कई अधिकार दिए हैं. लेकिन चयन समिति के चार सदस्यों में मुख्यमंत्री से लेकर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को सदस्य बनाया गया है. उपराज्यपाल को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है.