दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सादगी के दावे की हवा निकलती नजर आ रही है. जनता के सामने वीआईपी कल्चर खत्म करने की दुहाई देने वाले अरविंद केजरीवाल की दिली इच्छा बड़े बंगले में रहने की थी. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दो दिन बाद ही भगवान दास रोड पर सरकारी बंगले के लिए अनुरोध किया था. इस बात का खुलासा मुख्यमंत्री कार्यालय से उप-राज्यपाल नजीब जंग को लिखी चिट्ठी में हुआ है.
मुख्यमंत्री के सचिव द्वारा उपराज्यपाल को लिखे गये में कहा गया, 'मुख्यमंत्री ने भगवान दास रोड पर आवास संख्या 6-7 और 7-7 के आवंटन के लिए अनुरोध किया है. अनुरोध किया जाता है कि मुख्यमंत्री को आवंटन के लिए इन्हें दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराया जाए. दिल्ली सरकार उक्त दो घरों के बदले में दो टाइप 6 के घर मुहैया कराएगी.' पिछले साल 30 दिसंबर को यह पत्र लिखा गया था. दो दिन पहले ही केजरीवाल ने शपथ ली थी. उप-राज्यपाल ने उसी दिन घरों के आवंटन को मंजूरी दी थी.
हालांकि जैसे ही ये बात मीडिया में सामने आई विवाद खड़ा हो गया. जनता नाराज हो गई और केजरीवाल सरकार परेशान. आम आदमी के मूड को भांपते हुए केजरीवाल ने भगवान दास रोड पर स्थित एक दूसरे से लगे दो बंगलों में जाने से मना कर दिया था.
इसके बाद में मुख्यमंत्री के लिए 10 जनवरी को नये सिरे से घर की तलाश की गयी. केजरीवाल 1 फरवरी को नये घर में आ गये जो तिलक लेन में स्थित है.