बिजली और पानी के बढ़ें हुए बिल, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सार्वजनिक बहस की चुनौती दी.
केजरीवाल ने दीक्षित के राजनीतिक सचिव पवन खेड़ा के पत्र का जवाब दिया और इन आरोपों को खारिज कर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति को उन्होंने गंदा किया है.
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने कहा, ‘मैं आपको सार्वजनिक बहस का निमंत्रण देता हूं. यह बहस रामलीला मैदान में हो सकती है. समय और तारीख आप अपनी सुविधा के अनुसार चुन लीजिए. लेकिन मैं जानता हूं कि आप इस चुनौती को स्वीकार नहीं करेंगी.’
पत्र में आप के नेता ने मुख्यमंत्री से कहा कि उन नेताओं को पार्टी टिकट नहीं दे जिनका आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के 16 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्तता का आरोप है. ये लोग रेप, भ्रष्टाचार या हत्या के खिलाफ कानून कैसे बना सकते हैं? विधानसभा चुनाव मंदिर की तरह है. और इस तरह के लोगों की उपस्थिति मंदिर की पवित्रता को नष्ट कर देगी.’
पांच दिन पहले खेड़ा ने पत्र भेजकर केजरीवाल से कहा था कि मुख्यमंत्री पर वह व्यक्तिगत हमला नहीं करें जो राजनीति को ‘सस्ते प्रचार’ तक पहुंचाती है. केजरीवाल ने कहा कि दीक्षित अगर स्वच्छ प्रशासन देना चाहती हैं तो उन्हें कांग्रेस से कहना चाहिए कि किसी परिवार के एक सदस्य से ज्यादा को टिकट नहीं दिया जाए.
उन्होंने कहा, ‘भारत में राजनीति वंशवाद एवं पारिवारिक शासन के अंदर है. मेरा आपसे आग्रह है कि अपनी पार्टी से कहिए कि एक परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को टिकट नहीं दिया जाए. मैं जानता हूं कि इससे आप या आपके पुत्र संदीप दीक्षित राजनीति से संन्यास लेने को बाध्य हो जाएंगे.’