कड़ाके की सर्दी में दो दिन तक धरना प्रदर्शन करने से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई है. उन्हें गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके मेडिकल टेस्ट हुए. अस्पताल से बाहर आकर उन्होंने कहा कि वह ठीक हैं.
हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि आज वह सचिवालय नहीं जाएंगे. केजरीवाल को क्या दिक्कत है, इस बारे में पुष्ट सूचना अभी नहीं मिल पाई है. पर अस्पताल में उनका सीटी स्कैन और यूरीन टेस्ट वगैरह करवाया गया. आपको बता दें कि केजरीवाल डायबिटीज के मरीज हैं. वह 'इनहेलर' का इस्तेमाल भी करते हैं.
पहले भी केजरीवाल की तबीयत बिगड़ती रही है. मुख्यमंत्री बनने के अगले ही दिन उन्हें डायरिया हो गया था और वह दफ्तर नहीं जा पाए थे. लेकिन अगले दिन डॉक्टर के मना करने के बावजूद वह सचिवालय गए और काम निपटाया था.
रेल भवन के सामने धरने के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ने के लक्षण दिख रहे थे. उनके पुराने डॉक्टर विपिन मित्तल ने तब ही कह दिया था कि उनके लिए ठंड बर्दाश्त करना मुश्किल है और इससे तबीयत बिगड़ सकती है. लेकिन जब केजरीवाल ने धरने का ऐलान किया था, उन्हें अच्छी तरह मालूम था कि उनके लिए यह एक बड़ा शारीरिक कष्ट हो सकता है.
सोमवार को रेल भवन के सामने केजरीवाल सड़क पर ही गद्दा बिछाकर सो गए थे. डॉक्टर ने बताया 16 जनवरी को भी उन्हें सांस की दिक्कत पेश आई थी, तब उन्हें दो बार नेब्युलाइजर पर रखना पड़ा था. लेकिन अपने बिजी रुटीन के दौरान वह अकसर समय पर दवाई लेना भूल जाते हैं. सोमवार को भी वह दवा लेना भूल गए थे.
डॉक्टर ने बताया कि रोज की तरह उन्होंने इंसुलिन का इंजेक्शन तो लिया था, पर खाना नहीं खाया था. डॉक्टर ने बताया, 'पिछली रात हम डर गए थे. दरअसल अरविंद की कार की चाबी नहीं मिल रही थी. उनका खाना कार में था. अरविंद बहुत थके हुए थे तो वह सो गए. पहले उन्हें जो कंबल दिया गया वह काफी पतला था. थोड़ी ही देर में वह कांपने लगे. फिर उनके लिए एक मोटी रजाई लाई गई, पर उसमें उनका दम घुटने लगा. उन्होंने दोबारा पतला कंबल ओढ़ लिया. यह रात भर चलता रहा. उनके लिए यह बेहद मुश्किल रात थी.'