दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के बीच मुलाकात हुई, पर उन दोनों के बीच किन-किन मुद्दों पर बात हुई, इसको लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं है.
भले ही अन्ना हजारे साफ-साफ न कहें, पर इतना तो तय है कि वे AAP की सरकार के कामकाज के तरीकों से खुश नहीं हैं. यही वजह है कि मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही इस गांधीवादी नेता ने दिल्ली सीएम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग पहले तो बंगला नहीं लेने का वादा करते हैं, लेकिन फिर बंगला ले लेते हैं.
अन्ना शुरू से ही सादगीपूर्ण जीवन के पक्षधर रहे हैं, जबकि AAP के नेता सरकार बनने के बाद बंगला-गाड़ी का मोह नहीं त्याग पाए. AAP के मंत्रियों के लगातार विवादों के पड़ते जाने से भी अन्ना नाखुश होंगे. ऐसे में यह जानना दिलचस्प रहता कि आखिर इस समाजसेवी ने सीएम साहब को इस बार कौन-सी घुट्टी पिलाई.
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि दोनों के बीच बातचीत का ब्योरा छुपाए जाने से सस्पेंस और ज्यादा बढ़ गया है. पारदर्शिता का दम भरने वाली पार्टी ने सिर्फ इतना ही बताना मुनासिब समझा कि दोनों के बीच मुलाकात हुई और यह कितनी देर चली.
केजरीवाल ने शनिवार रात को ही अन्ना से मुलाकात की है. केजरीवाल और अन्ना के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक चली. AAP के नेताओं ने इसे 'सद्भावना मुलाकात' बताया.
AAP के मीडिया प्रतिनिधि दीपक वाजपेयी ने कहा, 'केजरीवाल ने अन्ना से महाराष्ट्र सदन में मुलाकात की और बैठक करीब 20 मिनट तक चली.'
AAP नेताओं ने कहा कि दोनों के बीच बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन उन्होंने विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया. केजरीवाल से मुलाकात से कुछ समय पहले ही अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर व्यंग्य किया और सादगी के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना की. अन्ना ने संवाददाताओं से कहा कि ममता मुख्यमंत्री बनने के बाद भी चप्पल पहनती हैं, लेकिन कुछ लोग बंगला नहीं लेने का वादा करने के बावजूद बंगला ले लेते हैं.
अन्ना ने कहा कि मार्च के अंत या अप्रैल के पहले हफ्ते से वे देशभर में घूमकर अच्छे लोगों की खोज करेंगे. अन्ना की यह खोज कितना रंग लाएगी, इसका जवाब तो आने वाले दिनों में ही मिल सकेगा.