दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ऑड-इवन जैसे जनता को असुविधा पहुंचाने वाले सख्त कदम उठाने को तैयार है लेकिन पर्यावरण सचिव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के अध्यक्ष पद भरने को लेकर कतई गम्भीर नहीं है. उन्होंने पूछा कि आधे-अधूरे पर्यावरण विभाग के सहारे कैसे लड़ेगी सरकार बढ़ते प्रदूषण से?
उन्होंने मांग की कि बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार योग्य पर्यावरण सचिव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के पद तुरंत भरे. राजधानी में वायू प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और आगे आने वाले समय में प्रदूषण की मात्रा और अधिक बढ़ने वाली है. सरकार ऑड-इवन योजना लागू करने की तैयारी कर रही है. हो सकता है कि स्कूल भी बंद करने पड़ें. इसके अलावा सरकार को कई अन्य कड़े कदम उठाने पड़ेंगे.
विपक्ष के नेता ने कहा कि एक ओर जहां प्रदूषण का स्तर इतने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है वहीं दूसरी ओर सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति के मामले में लापरवाही दिखा रही है. वह पूर्णकालिक पर्यावरण सचिव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डी.पी.सी.सी.) का नियमित अध्यक्ष नियुक्त करने में विफल रही है. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इस अक्षम और अधूरी प्रशासनिक व्यवस्था के साथ प्रदूषण से लड़ाई जीत पाना मुश्किल होगा.
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण सचिव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के अध्यक्ष के पद पर एक ही अधिकारी विराजमान है. उन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में पदों के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यताएं, पर्यावरण के क्षेत्र में अपेक्षित अनुभव नहीं है. वे प्रदूषण की वर्तमान स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं हैं.
विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे अविलम्ब पर्यावरण सचिव और कमेटी के अध्यक्ष पद पर ऐसे पूर्णकालिक अधिकारियों को लगाएं जो अपेक्षित योग्यताएं और अनुभव रखते हों.