scorecardresearch
 

अपने ही लोगों पर निगाह रखेगी दिल्ली सरकार

अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट ने अपने ही सरकार के विजिलेंस विभाग को एक नई विंग बनाने को कहा है. सरकार की यह नई विंग एंटी करप्शन ब्रांच की तर्ज पर ही बनाई जाएगी. इसमें रिटायर्ड अधिकारियों की मदद ली जाएगी.

Advertisement
X
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट ने अपने ही सरकार के विजिलेंस विभाग को एक नई विंग बनाने को कहा है. सरकार की यह नई विंग एंटी करप्शन ब्रांच की तर्ज पर ही बनाई जाएगी. इसमें रिटायर्ड अधिकारियों की मदद ली जाएगी.

Advertisement

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब अपने ही अधिकारियों और विभागों पर नजर रखने के तौर तरीके ढूंढने में लग गए हैं. पिछले हफ्ते 29 सितंबर को जब केजरीवाल सरकार की कैबिनेट मीटिंग हुई, तो कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पास किया. प्रस्ताव में विजिलेंस यानी सतर्कता विभाग को एक अनूठा निर्देश दिया गया. विभाग के सबसे बड़े अधिकारी (प्रधान सचिव) को कैबिनेट ने एक ऐसी ब्रांच बनाने को कहा है, जो बाकी सभी विभागों पर नजर रखेगी यानी एक तरह से जासूसी करेगी.

प्रस्ताव के बारे में एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इसमें तकरीबन 50 अधिकारी लगाए जाएंगे. इनमें रिटायर्ड अधिकारी भी शमिल हो सकते हैं. यह ब्रांच सभी विभागों और दिल्ली सरकार के अंदर आने वाली एजेंसियों के बारे में जरूरी सूचनाएं इकट्ठा करेगी और फिर फीड बैक देगी. प्रस्ताव तैयार करने के लिए विजिलेंस विभाग को निर्देश तो दिए गए हैं, लेकिन विभाग मुश्किल में है कि इसका स्वरुप और ढांचा क्या होगा?

Advertisement

विभाग के सूत्रों की मानें तो अंदरखाने तीन-चार मॉडल पर चर्चा चल रही है, जिनमें से एक प्रस्ताव कैबिनेट के सामने लाया जाएगा. तैयारी सिर्फ विभाग ही नहीं बल्कि मुख्य सचिव के स्तर पर भी चल रही है. अब तक 5-6 विभागों के साथ इस नई जासूसी ब्रांच के कामकाज को लेकर चर्चा हो चुकी है.

दरअसल केजरीवाल अपने हाथ से एंटी करप्शन ब्रांच खिसकने के बाद एक के बाद एक प्रस्ताव तैयार करने में लगे हैं. जिससे वह अपने तरीके से विभागों की निगरानी करवा सकें. जून के महीने में एक ऐसा ही प्रस्ताव प्रशासनिक सुधार विभाग से तैयार करवाया गया था, जिसमें 20 करोड़ रुपए के खर्च पर 25 मॉनिटरिंग टीम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया. लेकिन प्रस्ताव अमल में आता उससे पहले ही विवाद के चलते वापस लेना पड़ा.

 

Advertisement
Advertisement