दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा सदन में बुधवार दोपहर 2 बजे विश्वास मत पेश कर दिया. इस दौरान केजरीवाल ने सदन में कहा कि विपक्ष के लोग हमारे खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लेकर आना चाहते हैं. पता चला है कि नो कॉन्फिडेंस मोशन के लिए 14 विधायकों की जरूरत है. बहुत डराया धमकाया लेकिन BJP वाले विधायक नहीं जुटा पाए और प्रस्ताव वापस ले लिया. सदन में विपक्ष की सारी सीटें खाली हैं. सदन में हम विश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं. वह चाहे तो आकर बोल सकते हैं. मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन मंत्री परिषद पर विश्वास व्यक्त करता है.
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैकफुट पर आई बीजेपी
इससे पहले बीजेपी AAP सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन वह बैक फुट पर आ गई है. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 1/5 विधायक यानी 14 विधायकों की जरूरत होती है, लेकिन सदन में बीजेपी के पास इतने विधायक नहीं है.
हालांकि बीजेपी ने सदन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग की. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने नियम 55 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्पीकर को दिया था. तब स्पीकर ने बजट के बाद इस पर विचार करने के लिए कहा था.
वहीं आम आदमी पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा था कि बीजेपी के पक्ष में वोट करने के लिए हमारे विधायकों को लालच दिया जा रहा है. उन्हें जांच एजेंसियों का डर दिखाया जा रहा है.
दिमाग अडानी का और पैसा PM मोदी का: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले विधानसभा में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि जनता GST देती है और वह पैसा पीएम मोदी के पास जाता है. कांग्रेस जितना 75 साल में नहीं लूट पाई, उससे ज्यादा इन्होंने (बीजेपी) 7 साल में लूट लिया है. हमेशा दिमाग अडानी का होता है और पैसा पीएम मोदी का.
केजरीवाल ने कहा कि जिस दिन अडानी दुनिया का दूसरा सबसे अमीर आदमी बना था. उस दिन पीएम मोदी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बने थे. अब वह दुनिया के सबसे अमीर आदमी बनना चाहते हैं. केजरीवाल ने कहा कि अडानी (ग्रुप) के अंदर पूरा पैसा पीएम मोदी का ही लगा हुआ है.
हंगामेदार रही थी सदन की कार्रवाई
एक दिन पहले विधानसभा सदन की कार्रवाई काफी हंगामेदार रही थी. अडानी और पीएम मोदी पर निशाना साधने के बाद बीजेपी विधायकों ने हंगामा कर दिया. स्पीकर ने कहा कि प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन नाम नहीं लिया जा सकता.