दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार तिलक लेन स्थित सरकारी आवास छोड़ दिया है और कौशाम्बी में अपने पुराने फ्लैट में चले गये हैं.
गिरनार अपार्टमेंट वाला फ्लैट केजरीवाल की पत्नी सुनीता के नाम आवंटित है जो भारतीय राजस्व सेवा की वरिष्ठ अधिकारी हैं. केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने और तिलक रोड स्थित सरकारी आवास में जाने के बाद सुनीता ने इस साल की शुरुआत में अपना घर छोड़ दिया था.
रोचक तथ्य है कि यह फ्लैट केजरीवाल के लिए भाग्यशाली रहा और उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव की रणनीति यहीं से बनाई थी और जबरदस्त सफलता अर्जित कर सरकार भी बनाई. केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे के बाद करीब पांच महीने से तिलक लेन स्थित सरकार मकान में रह रहे थे.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि फ्लैट उनके परिवार के लिए और खासकर उनके माता-पिता के लिए अधिक सुविधाजनक है क्योंकि वे लंबे वक्त से इसमें रह रहे हैं और आसपास के लोगों को जानते हैं. सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल हनुमान रोड स्थित कार्यालय में भी ठहरेंगे.
उन्होंने कहा, 'हनुमान रोड स्थित परिसर उनके कार्यालय और आवास दोनों का काम करेगा. यह भी महत्वपूर्ण है कि वह नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी रहेंगे जहां से वह जनप्रतिनिधि हैं.' हनुमान रोड स्थित पार्टी कार्यालय एक दो मंजिला इमारत में है जो पार्टी नेताओं गोपाल राय तथा संजय सिंह समेत कई पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का ठिकाना है.
केजरीवाल का आवास हमेशा से विवाद का विषय रहा है. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद सरकारी मकान इसलिए नहीं छोड़ने का फैसला किया था कि उनकी बेटी बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रही है. उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया था कि वह जुलाई अंत तक इस आवास में रहेंगे और तब तक बाजार की दर के हिसाब से किराया अदा करेंगे.
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने इससे पहले सिविल लाइन्स स्थित एक घर को किराये पर लेने के प्रयास किये थे, लेकिन कानूनी विवाद के कारण उन्होंने इसमें रहने का विचार छोड़ दिया और दूसरे घर की तलाश शुरू कर दी.