दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल का दौरा किया. बीते काफी समय से सरकार को यह शिकायत मिल रही थी कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी है. इसी के चलते केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और स्थानीय विधायक राखी बिड़लान के साथ संजय गांधी अस्पताल का दौरा किया.
इस दौरान मरीजों ने केजरीवाल से दवाई ना मिलने की शिकायत की. साथ ही अस्पताल के कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी का भी आरोप लगाया. जनता का गुस्सा इस कदर भड़क उठा कि अस्पताल में ही अरविंद केजरीवाल हाय-हाय के नारे लगने लगे.
नाराज़ मरीजों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल के कर्मचारी उनसे रिश्वत मांगते हैं और बेड खाली ना होने पर भी अस्पताल में उन्हें दवाई और बेड की सुविधा नहीं मिलती है. अरविंद केजरीवाल ने काफी गंभीरता से सभी की समस्याएं सुनी और एमएस से मिलकर जल्द ही इस समस्या को निपटाने का आदेश दिया.
अस्पताल में दवाइयां न मिलने की शिकायत
बता दें कि बीते कई दिनों से सरकार को यह शिकायत मिल रही है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को फ्री दवाइयां नहीं मिल रही हैं.
अपने इस 1 घंटे के अस्पताल विजिट में अरविंद केजरीवाल ने दवाई घर का भी दौरा किया और कर्मचारियों से पूछताछ की कि मरीजों को पूरी और मुफ्त दवा मिलती है या नहीं. इस मौके पर अरविंद केजरीवाल से कई अस्पताल कर्मचारियों ने शिकायत की कि उन्हें पिछले 7 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है.
डकैती-बकैती दोनों बन्द करें केजरीवालः बीजेपी
मुख्यमंत्री के अस्पताल दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जिस तरह अरविंद केजरीवाल को अस्पताल से दौड़ाया गया है, वो दिखाता है कि केजरीवाल पूरी तरह फेल हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जनता अरविंद केजरीवाल से रिश्वतखोरी की शिकायत कर रही है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिलेगा क्योंकि केजरीवाल खुद रिश्वतखोर हैं. तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को बकैती और जनता को लूटने की डकैती दोनों बंद कर देनी चाहिए.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल उत्तमनगर में रोड शो करें, किसानों से मिले... कुछ भी करें. मगर ये जनता की नजर से उतर चुके हैं. उन्होंने कहा कि कपिल मिश्रा ने लोकायुक्त से शिकायत की है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है. मुख्यमंत्री तुरंत इस्तीफा दें.