आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों से अपनी हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध करते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भूख हड़ताल से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला. केजरीवाल ने कहा कि इसी वजह से वे अंतत: राजनीति में आ गए.
विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत ‘ऑल गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन’ के कुछ शिक्षक करीब तीन सप्ताह से धरना पर बैठे हैं. इन्हें प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक मिलता है.
हड़ताली शिक्षक करीब 10,200 शिक्षकों की सेवा के नवीनीकरण, योजना के तहत चयन में अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाने और समूह के लिए निश्चित वेतन तय करने की मांग कर रहे हैं. इनमें से कुछ लोगों ने अपनी मांगे पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू किया है.
केजरीवाल ने अनशन पर बैठे शिक्षकों से शनिवार को भेंटकर उन्हें अपना उपवास तोड़ने के लिए मनाने का प्रयास किया. शिक्षकों ने जब पूछा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री उनके लिए क्या कर सकते हैं, तो केजरीवाल ने कहा कि वे उन सभी के साथ धरना पर बैठ सकते हैं, लेकिन इससे उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी.
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों से केजरीवाल ने कहा, ‘भूख हड़ताल से आपको कोई लाभ नहीं होगा. अपने शरीर को कष्ट न दें. मैंने यह काम 15 दिन तक किया था और उसके बाद मैंने अंतत: राजनीति में आने का फैसला किया.’
केजरीवाल ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यहां बैठकर आपको बीजेपी सरकार से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. आप सभी राज्यपाल या मंत्री से मिलें.’