आम आदमी पार्टी के समर्थकों और दिल्ली पुलिस के बीच संघर्ष अब थम गया है. केंद्र सरकार ने दिल्ली के आरोपी पुलिसवालों को मामले की जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेज दिया है. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया.
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से बात करने के बाद धरना वापस लेने का फैसला किया. सीएम ने कहा कि हमारी मांगें आंशिक रूप से मानी गई हैं. उन्होंने प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के बीच कहा कि यह दिल्ली की जनता की जीत है.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे. उन्होंने दिल्ली पुलिस की जवाबदेही तय किए जाने की मांग की है.
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मालवीय नगर के एसएचओ को छुट्टी पर भेजा गया है. साथ ही पहाड़गंज के पीसीआर इंचार्ज को भी जांच होने तक छुट्टी पर भेजा गया है.
इससे पहले AAP के कई बड़े नेताओं ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीटिंग करके आगे की रणनीति पर चर्चा की. बैठक में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, योगेंद्र यादव और कई अन्य नेता मौजूद थे. संघर्ष किस तरह आगे बढ़ाया जाए, इस बात को लेकर माथापच्ची की गई.
इससे पहले ऐसी खबर सामने आई कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने अरविंद केजरीवाल की रेल भवन में एंट्री बैन कर दी है. बाद में रेल मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि रेल भवन में केजरीवाल की एंट्री पर बैन नहीं है. केजरीवाल ने इस बारे में गलत जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि केजरीवाल को रेल भवन परिसर के अंदर मीटिंग करने से मना किया गया.
दिल्ली में धरना दे रहे आम आदमी पार्टी के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प कई बार तेज हुई. पुलिस ने AAP के कई समर्थकों को दौड़ा-दौड़कर पीटा, जिसमें कुछ को गंभीर चोटें आईं. वहां पर जमा लोगों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ जोर-शोर से नारेबाजी की. झड़प के लिए पुलिस और प्रदर्शनकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
हालात इस कदर गंभीर हो गए कि घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस तक घटनास्थल तक नहीं पहुंच सके.
इस बीच AAP नेता संजय सिंह ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे पूरी तरह शांति बनाए रखें और हिंसा का सहारा न लें. उन्होंने कहा कि हम शांति से पुलिस का सामना करेंगे.
दिल्ली सरकार में मंत्री राखी बिड़ला ने कहा है कि पुलिस का यह रवैया बर्दाश्त करने लायक नहीं है.
जनवरी की हाड़ कंपा देने वाली सर्दी, कंक्रीट और तारकोल की बनी सड़क और कोने में बिछा एक मामूली गद्दा. ये बिस्तर था दिल्ली के मुख्यमंत्री का. दिल्ली पुलिस के खिलाफ धरना दे रहे सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और समर्थकों समेत बीती रात रेल भवन के सामने सड़क पर ही बिताई. मंगलवार सुबह वह उठकर बिस्तर पर बैठे ही थे कि रिपोर्टरों ने घेर लिया. सुबह के पहले बयान में ही उन्होंने साफ कर दिया कि उनके तेवर हल्के पड़ने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्री शिंदे को भी चैन से सोने नहीं देंगे.
कृषि भवन के पास किसी ने पत्थरबाजी कर दी, जिसमें दो पुलिस वाले घायल हो गए. घटना के बाद मौके पर हंगामा भी हुआ. वहीं परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने DMRC से चारों मेट्रो स्टेशन बहाल करने की अपील की है.
दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल से जंतर-मंतर पर अपना धरना शिफ्ट करने की रिक्वेस्ट की है. पर केजरीवाल ने साफ कर दिया कि वह रेल भवन से सरकार भी चलाएंगे और आंदोलन भी करेंगे. उन्होंने कहा, 'यह दिल्ली है. दिल्ली का मुख्यमंत्री तय करेगा कि उसे कहां बैठना है. शिंदे तय नहीं करेंगे. गणतंत्र का मतलब क्या होता है. यही तो गणतंत्र है. उस लड़की को जला दिया गया. उसके पिता शिकायत करने गए तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की. राजपथ पर बैठकर झांकियां देखने से गणतंत्र नहीं चलता. ये जो नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक है, पूरा देश इनके बीच में ब्लॉक होकर रह गया है.'
इस तरह सोए दिल्ली के मुख्यमंत्री
'शीशे टूटने पर सस्पेंशन होते हैं, रेप पर नहीं'
क्या दिल्ली सरकार ने इसे नाक की लड़ाई में तब्दील कर लिया है, पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा, 'मुझे किसी ने बताया कि शिंदे साहब के यहां कई महीनों पहले प्रदर्शन हुआ था, जिसमें उनके घर की खिड़कियों के शीशे टूट गए. बस इतनी सी बात पर उन्होंने 12 पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया. दिल्ली में लड़की जलाया गया तो कोई पुलिस वाला सस्पेंड नहीं हुआ. विदेशी महिला से गैंगरेप हुआ तो कोई पुलिस वाला सस्पेंड नहीं हुआ और आप कहते हैं कि हम नाक की लड़ाई लड़ रहे हैं.'
4 मेट्रो स्टेशन बंद किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हम तो चाहते हैं कि मेट्रो खोल दी जाए. हमने तो इनसे बहुत रिक्वेस्ट की. यह शिंदे की वजह से है. क्या यही जनतंत्र है. यह तो कांग्रेस-तंत्र है. लोग कह रहे हैं कि हमने अराजकता फैला दी, अराजकता नहीं, यही जनतंत्र है. पहले जनतंत्र एसी कमरों से चलते थे, अब तो जी सड़कों से ही जनतंत्र चलेंगे.'
केजरीवाल ने कहा उनके कामों से जनता खुश है और बीजेपी-कांग्रेस ही परेशान है. उन्होंने 90 फीसदी अपराधों में दिल्ली पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगा डाला. उन्होंने कहा कि वह अपने फायदे के लिए यहां प्रदर्शन करने नहीं पहुंचे हैं. पर देश में किसी महिला के साथ रेप होगा तो किसी को तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.
बीजेपी ने केजरीवाल की तुलना माओवादियों से की
हालांकि सुबह शुरू हुई बारिश ने धरने में खलल जरूर डाला . पर AAP कार्यकर्ता अब भी वहां मौजूद हैं. उनका आरोप है कि पुलिस लोगों को मौके पर पहुंचने से रोक रही है. धरनास्थल पर करीब 4000 पुलिसकर्मी तैनात बताए जा रहे हैं. दिल्ली के परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक की समस्या के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है. हम तो चाहते हैं कि सारी बैरीकेडिंग हटा दी जाए.
बीजेपी ने कांग्रेस और AAP दोनों पर मिलकर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल ने 26 जनवरी के समारोह पर जो कुछ कहा, वह लोकतंत्र और देश के सैनिकों का अपमान है. जावड़ेकर ने केजरीवाल की तुलना माओवादियों से कर डाली.
क्या हुआ सोमवार को!
सोमवार को केजरीवाल के धरने को लेकर गृह मंत्री सुशील शिंदे और पीएम मनमोहन सिंह के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई. इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ बदसलूकी के आरोप लगाए. उन्होंने कहा, 'हमारे एक विधायक अखिलेश त्रिपाठी को पीट पीटकर बेहाल कर दिया गया. सौरभ भारद्वाज परिवहन मंत्री हैं. उसे क्यों हिरासत में लिया. सौरभ भारद्वाज कैसे इस दिल्ली की कानून व्यवस्था के खिलाफ खतरा थे, जरा दिल्ली पुलिस बताए. कौन तय करेगा कि दिल्ली के लिए देश के गृह मंत्री शिंदे बड़ा खतरा हैं या सौरभ भारद्वाज. अगर पुलिस को तय करना था, तो कमिश्नर बस्सी को दिल्ली का सीएम बना देते. ये नंगापन दिखा रहा है पूरी की पूरी व्यवस्था का सच. हम यहां क्यों बैठे हैं. तानाशाही उन लोगों की चल रही है. देश सब देख रहा है. जनता कांग्रेस पार्टी को आने वाले लोकसभा चुनाव में ऐसा मजा चखाएगी कि वह हमेशा याद रखेगी.'
धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश त्रिपाठी की पुलिसवालों ने पिटाई कर दी थी. हिरासत में लेने के कुछ देर बाद परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज को दिल्ली पुलिस ने छोड़ दिया. हालांकि पुलिस ने इनकार किया है कि हमने परिवहन मंत्री को हिरासत में नहीं लिया है. वो खुद आकर बैठ गए थे. उधर, दिल्ली पुलिस का कहना है कि पुलिस कानून के मुताबिक काम करेगी. पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'पुलिस ने मुझसे यह कहा कि यहां पर धारा 144 लगी है, इसलिए हम आपको अरेस्ट करते हैं तो हमने कहा, ठीक है कर लो. मैं पुलिस का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे छोड़ दिया.'
राजपथ को देश की जनता से भर देंगे
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने धरने के बारे में एक और बयान देकर तहलका मचा दिया. केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के राजपथ को देश की जनता से भर देंगे. उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह भी नहीं होने देंगे. दिल्ली पुलिस के तीन अफसरों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रेल भवन के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. रेल भवन के बाहर ही उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए इकट्ठा हुए हैं. अगर कहीं रेप होता है तो वहां के पुलिस अफसरों की जवाबदेही होनी चाहिए. उन्होंने ऐलान किया कि हम 10 दिनों तक अपना धरना जारी रखेंगे और अगर कहीं कोई संवैधानिक संकट पैदा होता है तो उसकी जिम्मेदारी खुद केंद्र सरकार होगी.
धरनास्थल से चलेगी 10 दिनों तक सरकार
केजरीवाल ने कहा कि 10 दिनों तक धरने की जगह से दिल्ली सरकार चलेगी और सभी फैसले यहीं से लिए जाएंगे. बताया जा रहा है कि केजरीवाल 10 दिनों तक रेल भवन के पास धरना नहीं दे पाएंगे. दिल्ली पुलिस ने उन्हें धरना रेल भवन से हटाकर जंतर मंतर ले जाने को कहा है. दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी के मद्देनजर सुरक्षा का हवाला दिया है. पुलिस को रेल भवन के पास का इलाका सुरक्षा जांच के लिए चाहिए. 21 जनवरी से 29 जनवरी तक रेल भवन के आसपास का इलाका सेना के पास रहेगा. ऐसे में केजरीवाल को धरने के लिए दूसरी जगह पर जाना होगा.
क्यों नहीं हुआ एसएचओ सस्पेंड?
केजरीवाल ने कहा, 'रेप की घटना के बाद बीट कांस्टेबल और संबंधित थाने के एसएचओ को सस्पेंड करना चाहिए. हमने पुलिस कमिश्नर और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात कर उस इलाके के एसएचओ को सस्पेंड करने की मांग की जहां विदेशी महिला से रेप हुआ था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा, 'सागरपुर में एक महिला को उसके ससुराल वालों ने जिंदा जला दिया. वह घटना से पहले हमारी मंत्री राखी बिड़ला के पास आई थीं. राखी ने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी उस महिला को सुरक्षा देने की मांग भी की थी. लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस ने केवल सुसर को गिरफ्तार किया. जबकि ससुराल के अन्य लोगों को नहीं.
उन्होंने कहा, 'मालवीय नगर में खिड़की एक्सटेंशन इलाके में ड्रग रैकेट और सेक्स रैकट चल रहा है. हमारे मंत्री की शिकायत के बाद भी वहां से एसएचओ ने रेड नहीं की और अपराधियों को पकड़ने से मना कर दिया. उस एसएचओ को भी सस्पेंड करना चाहिए.
भारी हंगामे के बाद रेल भवन के बाहर धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, 'कुछ लोगों का कहना है कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती को खिड़की एक्सटेंशन में रेड के लिए नहीं जाना चाहिए था. क्या उन्हें घर में रजाई में सोना चाहिए था.'
उन्होंने कहा, 'युगांडा हाई कमिशन की एक महिला ने सोमनाथ भारती से मिलकर उनके कदम की तारीफ की और बताया कि युगांडा से काफी महिलाओं को भारत लाकर जबरन वेश्यावृति के काम में धकेला जा रहा है. केजरीवाल ने कहा कि हम लोग ऐसी महिला के लिए ही इंसाफ की मांग कर रहे हैं. मुझे पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि ये धरना-प्रदर्शन मुझे शोभा नहीं देता. लेकिन मैं पूछता हूं कि क्या मुझे और मेरे मंत्रियों को घर में दुबक कर रजाई में छुपकर बैठ जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस ऑटोवालों और पटरी लगाने वाले लोगों से वसूली करती है. वह महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम है. दिल्ली की सारी जनता को यहां इकट्ठा होना चाहिए.'
धारा 144 लागू
धरने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने शिंदे के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है. नई दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. सुबह 9 बजे से 1 बजे तक चार मेट्रो स्टेशनों (केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, रेस कोर्स, उद्योग भवन) को भी बंद रखा गया. दिल्ली पुलिस ने यह कदम गणतंत्र दिवस के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उठाए. हांलाकि 26 जनवरी में अभी छह दिन बाकी हैं.