दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सूबे की पुलिस के बीच हमेशा तकरार की स्थिति नजर आती है, लेकिन केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस के लिए अपनी ही पार्टी के विधायकों की मांग को दरकिनार कर दिया है.
आम आदमी पार्टी के 30 विधायकों ने मांग की थी कि दिल्ली पुलिस के शहीद जवानों को एक करोड़ का मुआवजा देने वाली नीति से बाहर किया जाना चाहिए. अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली सचिवालय में हुए हमले में दिल्ली पुलिस की लापरवाही का आरोप लगाते हुए AAP विधायकों ने यह मांग की थी. विधायकों ने यह भी आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है.
ये दावा करते हुए तीस विधायकों ने अरविंद केजरीवाल से मांग की थी कि दिल्ली पुलिस को सरकार की एक करोड़ रुपये की मुआवजा नीति से बाहर किया जाए, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने अपने ही विधायकों की इस मांग को खारिज कर दिया.
शहीद के परिवार को दिया चेक
शनिवार को दिल्ली के पालम इलाके में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली पुलिस के शहीद जवान वीरेंद्र सिंह और दीपक कुमार के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का चेक दिया.
इसी कार्यक्रम में मंच से केजरीवाल ने कहा कि वह विधायकों की इस मांग से सहमत नहीं हैं. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में रहने वाले भारतीय सेना, एयरफोर्स, नेवी, एनडीआरएफ, दिल्ली फायर विभाग, दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवानों को ड्यूटी पर शहीद होने की स्थिति में परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की योजना शुरू की थी.
'दिल्ली पुलिस मेरे परिवार की तरह'
दिल्ली सचिवालय में जब एक अनजान युवक द्वारा केजरीवाल पर हमला हुआ और मिर्ची फेंकी गई तो आम आदमी पार्टी विधायकों ने मांग रखी कि दिल्ली पुलिस को इस योजना से बाहर किया जाए. केजरीवाल ने शनिवार को पार्टी विधायकों की इस मांग को खारिज करते हुए कहा, 'हाल ही में मुझ पर दो बार हमला हुआ. जब सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन के दौरान उस पर बोतल फेंकी गई और दूसरी बार दिल्ली सचिवालय में एक अनजान युवक के द्वारा मेरी आंखों में मिर्ची फेंकने की कोशिश की गई. इस घटना के बाद मांग कर रहे हैं कि दिल्ली पुलिस को मुआवजे की योजना से बाहर किया जाए लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं क्योंकि दिल्ली पुलिस मेरे परिवार की तरह है.'
केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस का सम्मान करता हूं और हो सकता है कि कुछ बड़े अधिकारी साजिश में शामिल हों, लेकिन दिल्ली पुलिस के जवान अपनी जान खतरे में डालकर हमारी और शहर की हिफाजत करते हैं.