आयकर विभाग ने हरियाणा के रेवाड़ी में स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव से जुड़े एक अस्पताल समूह के विभिन्न परिसरों से करीब 22 लाख रुपये नकद बरामद किए. बुधवार को की गई छापेमारी के बाद योगेंद्र यादव ने इसको लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा किया था. अब योगेंद्र के समर्थन में उनके पूर्व साथी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आ गए हैं.
इससे पहले यह सूचना मिली थी कि अस्पताल समूह ने गहने खरीदने के लिए नीरव मोदी की फर्म को नकद भुगतान किया था. हालांकि, स्वराज इंडिया के प्रमुख यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी बहन के अस्पताल पर छापेमारी सिर्फ उन्हें 'डराने' और 'चुप' कराने के लिए की जा रही है क्योंकि उन्होंने हरियाणा में किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाने के लिए मुहिम शुरू की है.
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया कि मैं योगेंद्र यादव के घर IT जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर छापे मरवाने की निंदा करता हूं. मोदी सरकार को इस तरह की राजनीति बंद करनी चाहिए.
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को आम आदमी पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद योगेंद्र लगातार कई मौके पर केजरीवाल की आलोचना करते दिखे हैं. हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट भी किया था, जिसे बाद में वापस ले लिया था. इस अलगाव के बाद ये पहली बार ही है जब केजरीवाल इस तरह यादव के समर्थन में आए हैं.
We strongly condemn victimisation of Yog Yadav’s family by Modi govt thro the use of agencies like IT. Modi govt shud stop such vendetta politics.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 12, 2018
आपको बता दें कि बुधवार को अस्पताल पर हुई कार्रवाई के बाद अधिकारियों ने बताया कि टैक्स विभाग ने कलावती अस्पताल और कमला नर्सिंग होम, इसके मुख्य साझेदार डॉ. गौतम यादव और अन्य के निवास परिसरों की तलाशी ली.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, तीन परिसरों की तलाशी आयकर विभाग की हरियाणा जांच शाखा की टीमों द्वारा की जा रही है. करीब 40 कर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की टीम ने यह कार्रवाई की. समझा जाता है कि गौतम यादव योंगेंद्र यादव की बहन डॉ. नीलम यादव के बेटे हैं.
अधिकारियों के अनुसार कर विभाग ने नीरव मोदी ग्रुप से मिली सूचनाओं के आधार यह कार्रवाई की है. नीरव मोदी दो अरब रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में फरार चल रहा है. पाया गया है कि गौतम यादव ने हीरा कारोबारी की कंपनी से गहने खरीदने के लिए साढ़े छह लाख रुपये में से सवा तीन लाख रुपये का नकद भुगतान किया था. उन्होंने बताया कि तलाशी के दायरे में डॉ. नरेंद्र सिंह यादव भी रहे और यादव परिवार के यहां से 22 लाख रुपये नकद मिले. एक अधिकारी ने कहा, किसी भी व्यक्ति के हाथों में वर्तमान नकद सीमा दो लाख रुपये है और 22 लाख रुपये की इस नकद राशि के स्रोत की जांच की जा रही है.
यादव ने ट्विटर पर लगाया था आरोप
यादव ने दिन में ट्विटर के माध्यम से आरोप लगाया था कि मोदी सरकार उन्हें ‘‘डराने’’ के लिए छापेमारी के माध्यम से उनके परिवार को ‘‘निशाना’’ बना रही है. यादव ने ट्वीट किया था, दिल्ली से आयी 100 से ज्यादा लोगों की टीम ने आज सुबह 11 बजे अस्पताल पर छापेमारी की. सभी डॉक्टरों (मेरी बहन, बहनोई और भांजे सहित) को उनके कमरों मे बंद कर दिया गया. नवजात शिशुओं के आईसीयू सहित पूरे अस्पताल को सील कर दिया गया, यह डराने की स्पष्ट कोशिश है. मोदी जी आप मुझे चुप नहीं करा सकते हैं.
Breaking:
Modi regime now targets my family.
Two days after my 9 day padyatra in Rewari and launching of agitation for MSP and against liquor thekas, a massive IT raid is on at the hospital cum nursing home of my sisters in Rewari.
Pl search me, my home, why target my family?
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— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 11, 2018
विभाग ने यादव के इन आरोपों का खंडन किया कि विभाग की छापेमारी टीमों ने अस्पताल और आईसीयू सील कर दिया क्योंकि कुछ सीजेरियन प्रसव भी उस दौरान हुए. अधिकारियों ने कहा कि अस्पतालों समेत तलाशी वाले परिसरों के सभी सीसीटीवी चालू रखे गये थे और उन्होंने तलाशी प्रक्रिया की रिकार्डिंग भी की है. यादव ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें धमकाने और उनका मुंह बंद करने की मंशा से छापे मारे गये हैं क्योंकि उन्होंने किसानों के लिए उचित फसल दाम के लिए तथा हरियाणा में उस शहर में शराब की दुकानों के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा था.
दो दिन पहले ही उनकी नौ दिवसीय पदयात्रा समाप्त हुई थी. इस बीच, भाजपा की हरियाणा इकाई के उपाध्यक्ष राजीव जैन ने कहा, ‘‘यादव का आरोप बेबुनियाद है, उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. किसी को धमकाने का प्रश्न ही कहां है. यदि आयकर विभाग को किसी के विरुद्ध कुछ मिला है तो उसे अपना काम करने दीजिए, सच्चाई सामने आ जाएगी.