सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बावजूद दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर टकराव में कमी नहीं आई है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीसीटीवी कैमरों से जुड़ी उपराज्यपाल की रिपोर्ट ही फाड़ डाली है.
रविवार को सीएम अरविंद केजरीवाल राजधानी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर RWA और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने सीसीटीवी कैमरों से जुड़ी उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र किया. केजरीवाल ने कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर दिल्ली में कोई सीसीटीवी लगाता है तो उसके लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस लेना पड़ेगा. कमेटी के इस नियम का विरोध करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीसीटीवी लगाने के लिए लाइसेंस का मतलब है कि पैसा चढ़ाओ और लाइसेंस ले जाओ.
#WATCH: Delhi CM Arvind Kejriwal tears a report of a Lieutenant Governor committee on CCTV cameras in Delhi saying, ''Janta ki marzi hai ki is report ko phaad do. Janta janardan hai jantantra mein" pic.twitter.com/eE5FYSJtJ3
— ANI (@ANI) July 29, 2018
दिल्ली पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि सीसीटीवी कहां लगने है, ये पुलिस नहीं बल्कि महिलाएं और मार्केट एसोसिएशन तय करेंगे. मंच से भाषण देते हुए केजरीवाल ने जनता से भी पूछा कि क्या सीसीटीवी के लिए लाइसेंस होना चाहिए. जनता ने भी न में जवाब दिया.
इसके बाद केजरीवाल ने जनता से ये पूछ डाला कि रिपोर्ट के साथ क्या सलूक किया जाए और इसके उन्होंने जनता की मर्जी का ह वाला देते हुए मंच से ही एलजी द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के दो टुकड़े कर दिए. केजरीवाल ने रिपोर्ट फाड़ते हुए ये भी कहा कि जनतंत्र में जनता जनार्दन होती है.
बता दें कि दिल्ली में सीसीटीवी लगाना अरविंद केजरीवाल के सबसे बड़े चुनावी मुद्दों में से एक है. लेकिन सरकार बनने के तीन साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद उनका ये वादा पूरा नहीं हो सका है और आम आदमी पार्टी इसके लिए केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को सबसे बड़ी बाधा बताती रही है.