जिन चुनावी वायदों पर लट्टू होकर दिल्ली ने विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया था, लगता है वो वायदे अब जल्द पूरे होंगे. कम से कम पहली कैबिनेट मीटिंग से जो बातें निकलकर आईं, वो तो कुछ-कुछ इसी ओर इशारा करती हैं. केजरीवाल कैबिनेट की पहली ही मीटिंग में बिजली की दरें आधी करने के लिए वित्त एवं ऊर्जा मंत्रालय को फौरन प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया गया है. यही नहीं अब दिल्ली में कहीं भी अवैध निर्माण को नहीं गिराया जाएगा, डिमोलिशन पर रोक लगा दी गई है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो बिजली के बिल आधे हो जाएंगे. माना जा रहा था कि 400 यूनिट तक खर्च करने वाले परिवारों को बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई ‘AAP’ सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया गया. केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को भी निर्देश दिया कि वह हर परिवार को हर महीने 20,000 लीटर मुफ्त पानी देने का प्रस्ताव तैयार करे. बिजली की कीमतों में 50 फीसदी कटौती और मुफ्त पानी मुहैया कराना ‘AAP’ के प्रमुख चुनावी वादों में शामिल था.
केजरीवाल के अलावा उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, परिवहन मंत्री गोपाल राय, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, गृह मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान और सामाजिक कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री संदीप कुमार भी बैठक में मौजूद थे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोमवार को वित्त एवं ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए कि वे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा निजी बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट पूरा होने तक बिजली की दरों में 50 फीसदी कटौती के चुनावी वादे को लागू करने के लिए अपने प्रस्ताव भेजें.’
मकानों, झुग्गियों की तोड़फोड़ रोकने के निर्देश
चुनाव पूर्व अपने वायदों में से एक के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने सोमवार को विभिन्न एजेंसियों को निर्देश दिए कि वे शहर में तब तक कोई तोड़फोड़ ना करें जब तक कि सरकार तोड़फोड़ से संबंधित मौजूदा नीतियों की समीक्षा नहीं करती.
सोमवार को AAP सरकार के काम का पहला दिन था. सोमवार को पहली मंत्रिमंडल बैठक बुलाई गई, जिसमें विभिन्न एजेंसियों को इस तरह के निर्देश जारी किए गए. विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने वायदा किया था कि यदि वह सत्ता में आई तो दिल्ली में कोई तोड़फोड़ नहीं होगी.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘सरकार ने आवासीय क्षेत्रों में मकानों और झुग्गियों की तोड़फोड़ से संबंधित मौजूदा नीति की समग्र समीक्षा करने का फैसला किया है.’ अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC), उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों, दिल्ली जल बोर्ड, पर्यावरण और वन, राजस्व तथा अन्य विभागों को निर्देश दिए हैं कि समीक्षा पूरी होने तक कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए.
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला भी किया गया कि नवनिर्वाचित दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 23 और 24 फरवरी को आयोजित किया जाए, ताकि नए विधायकों को शपथ दिलाई जा सके और स्पीकर व डिप्टी-स्पीकर का चुनाव हो सके.