राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में MCD चुनावों को कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में राज्य में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी की कोशिश है कि वे MCD चुनाव भी जीत सकें. वहीं दूसरी ओर BJP पिछले 15 सालों से MCD में चट्टान की तरह टिकी है. MCD रूपी इस किले को भेदने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही कई लुभावने वादे कर रहे हैं.
इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली की जनता के बीच पहुंचे. वहां उन्होंने कहा कि दिल्ली में आपको डबल इंजन की सरकार बनाने की जरूरत है. केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद नारा होना चाहिए. केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से वादा किया कि सभी एमडीसी कर्मचारियों को समय पर सैलरी दी जाएगी.
डबल इंजन का विरोध करते आए हैं अरविंद केजरीवाल
गौरतलब है कि यही आम आदमी पार्टी अन्य राज्यों में 'डबल इंजन' सरकार का विरोध करती आई है. दिल्ली MCD चुनावों के अलावा गुजरात में दमखम दिखा रही आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिनों पहले ही कहा था, 'पूरे देश में बदलाव की आंधी चल रही है. इस बार गुजरात को डबल इंजन नहीं चाहिए, नया इंजन चाहिए. यह डबल इंजन पुराना हो गया है. दोनों इंजन 40-50 साल पुराने हैं.'
खुद को बताया था नया इंजन
इसके अलावा पंचायत आजतक के ही मंच पर अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के 27 साल के शासन पर कहा था कि एक साल बाद तो पेड़ भी अपने पत्ते बदल लेता है. साथ ही उन्होंने कहा था कि डबल इंजन कोयले का था, वह जंग खा चुका है. हम बिजली वाला नया इंजन हैं. लोग अब नया इंजन चाहते हैं.
'अगर आप डबल इंजन लाएंगे, तो मोरबी वाला पुल गिरेगा'
इसके अलावा मोरबी पुल हादसे पर भी अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर अपराधियों को बचाने के आरोप लगाए थे. उस वक्त भाजपा पर चुटकी लेते हुए केजरीवाल ने कहा था, ‘हमें डबल इंजन वाली नहीं, नए इंजन वाली सरकार चाहिए. डबल इंजन में जंग लग गई है, वह पुरानी है और बर्बाद हो चुकी है. अगर आप डबल इंजन लाएंगे, तो मोरबी वाला पुल गिरेगा. अगर आप नया इंजन लाएंगे, तो हम मोरबी में विशाल पुल का निर्माण करेंगे.'
क्या होती है डबल इंजन की सरकार?
आइए आपको बताते हैं कि ये 'डबल इंजन सरकार' है क्या? इसे आप एक उदाहरण से समझिए. गुजरात में BJP की सरकार है और केंद्र में भी BJP की सरकार है. अब क्योंकि किसी भी राज्य के विकास में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का योगदान होता है. इसलिए अगर दोनों सरकारें (विधानसभा और केंद्र) एक ही राजनीतिक पार्टी की हों, तो दोनों सरकारों में कभी टकराव नही होता और कोई भी विकास काम करने में आसानी होती है. इसके अलावा काम का क्रेडिट लेने की भी भागदौड़ नहीं होती. क्योंकि राज्य सरकार को काम का क्रेडिट मिले या केंद्र सरकार को, अंत में फायदा तो एक ही राजनीतिक दल को होना है. इसी तरह की सरकार को आज कल के चुनावों में डबल इंजन की सरकार कहा जाता है.
उल्लेखनीय है कि डबल इंजन सरकार के ये नारा भाजपा ही बुलंद करती आई है. ये नारा चुनावों में पीएम मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक हर कोई इस्तेमाल करता है. ऐसे में अब आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी न चाहते हुए भाजपा के ही नारों को गुनगुनाने लगे हैं. 7 दिसंबर को MCD चुनाव के नतीजे के साथ यह भी देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल को इस नारे से कितनी मदद मिलती है.
BJP को इन मुद्दों पर घेरती आई है आम आदमी पार्टी
इन MCD चुनावों में आम आदमी पार्टी गंदगी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरती आई है. दिल्ली की साफ-सफाई और कूड़े के ढेर को लेकर केजरीवाल शुरू से ही BJP पर हमलावर रहे हैं. इसीलिए आम आदमी पार्टी चाहती है कि वो MCD जीत कर दिल्ली में 'डबल इंजन सरकार चलाए' ताकि राज्य में हर काम सुचारू ढंग से हो सकें.