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ऑड-इवन फॉर्मूले के दौरान कार पूल करेगी केजरीवाल टीम

व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रदूषण नियंत्रण के लिये दिल्ली सरकार के कारों को सम-विषम फार्मूले से चलाने की योजना को दिल्ली के व्यापार के लिये नुकसानदेह बताया.

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15 दिनों के लिए लागू होगा ऑड-इवन फॉमूला
15 दिनों के लिए लागू होगा ऑड-इवन फॉमूला

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दिल्ली में एक जनवरी से शुरू हो रहे 15 दिनों के ऑड-इवन फॉमूले के दौरान कार्यालय आने-जाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी कारपूल (कार साझा करना) करेंगे. सड़क पर गाड़ियों की संख्या को सीमित करने के इस प्रयोग का खाका घोषित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऑड-इवन फॉमूले के दौरान कारपूलिंग एकमात्र समाधान है.

उन्होंने कहा, 'मैं कार साझा करूंगा. यह सबसे ज्यादा व्यावहारिक बात है.' दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और अधिकारी एक से 15 जनवरी के बीच योजना का पालन करेंगे.

राय ने कहा, '15 दिनों की सम-विषम संख्या योजना के दौरान, दिल्ली सचिवालय पहुंचने के लिए मैं अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ कार पूल करूंगा.' दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से मुकाबला करने के लिए नोडल आफिसर भी हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी कारें साझा करने के लिए प्रेरित करने की खातिर वह अपने कार्यालय जाने के लिए कार पूल करेंगे.

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दिल्ली सरकार अगले दो तीन दिन में एक कारपूलिंग एप शुरू करेगी ताकि योजना के दौरान लोग अपनी कारें साझा कर सकेंगे.

ऑड-इवन फॉमूला व्यापार के लिये नुकसानदेह
व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रदूषण नियंत्रण के लिये दिल्ली सरकार के कारों को सम-विषम फार्मूले से चलाने की योजना को दिल्ली के व्यापार के लिये नुकसानदेह बताया.

कैट ने कहा है कि दिल्ली में काम करने वाले ज्यादातर व्यापारी दिल्ली से सटे इलाकों नौएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव तथा अन्य जगहों पर रहते हैं और उन्हें साथ में आम तौर पर नकदी लेकर भी चलना पड़ता है. सार्वजनिक परिवहन में नकदी लेकर चलना उनके लिये जोखिम भरा हो सकता है.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सम-विषम फार्मूले का जो ब्यौरा जारी किया है उसमें ट्रक-टैंपो को कोई छूट नहीं दी गई है जबकि दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत माल सड़क परिवहन के जरिये ही आता है. इससे दिल्ली की आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा और वस्तुओं की किल्लत हो जायेगी.

अलग-अलग समय पर खुलें प्रतिष्ठान
खंडेलवाल ने सुझाव दिया है कि सड़कों पर यातायात का बोझ कम करने और जाम की समस्या से निपटने के लिये सरकार को विभिन्न कामकाज के लिये अलग अलग समय तय करना चाहिये. कुछ कार्यालयों को प्रात: आठ बजे खोला जाये जबकि कुछ दूसरे प्रतिष्ठानों के खुलने का समय नौ बजे और बाकी प्रतिष्ठानों के लिये 10 बजे का समय रखा जा सकता है. इसी के अनुरूप उनके बंद होने का समय भी रखा जा सकता है. इससे यातायात जाम की समस्या कम होगी.

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इनपुट- भाषा

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