अरविंद केजरीवाल अभी दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी का विश्वास प्रस्ताव कांग्रेस विधायकों की मदद से पास हो गया. इसी के साथ सरकार गिरने को लेकर लगाई जा रही अटकलों और आशंकाओं पर विराम लग गया.
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में विश्वास मत के पक्ष में 37 वोट पड़े. इनमें 28 विधायक आम आदमी पार्टी के, 7 कांग्रेस के, एक विधायक जेडीयू का और एक निर्दलीय है. विपक्षी बीजेपी के 32 विधायकों ने इसका समर्थन नहीं किया.
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहाः
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण की शुरुआत सबको नए साल की बधाई देकर की. इसके बाद उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का मकसद सिर्फ सरकार बनाने का नहीं है. बल्कि जनता के कुछ मुद्दे हैं जिनपर सबको साथ आने की जरूरत है.
आम आदमी की परिभाषा देते हुए केजरीवाल ने कहा कि इस देश का हर ईमानदार शख्स आम है और हर बेईमान खास. हमारे लिए झुग्गी में रहने वाले भी आम हैं और ग्रेटर कैलाश के आलीशान मकान में रहने वाले शख्स भी आम बशर्ते कि वो ईमानदार हो. वक्त आ चुका है जब सदन इस बारे में सोचे कि आम आदमी चाहता क्या है. जनता को बड़ी उम्मीदें हैं हमसे. देश की राजनीति भ्रष्ट हो चुकी है. यह पूरी तरह से खराब हो चुकी है. बिजली, पानी और शिक्षा से जुड़ी कई समस्याएं हैं और इसके लिए जिम्मेदार है सिर्फ भ्रष्ट राजनीति. राजनेताओं ने आम आदमी को सुनना ही बंद कर दिया था. देश की जनता अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरी तो नेताओं ने उन्हें चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी. पर नेता ये भूल गए थे कि आम आदमी ही सबसे ज्यादा ताकतवर होता है. खेती आम आदमी करता है, नेता नहीं. अंतरिक्ष में आम आदमी जाता है, नेता नहीं तो उसने चुनाव लड़ कर भी दिखा ही दिया. आम आदमी ने सच्चाई के रास्ते लड़ाई लड़ी और उसकी जीत हुई. मुझे विश्वास हो गया कि जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है.
इसके बाद बात आई मुद्दों की. केजरीवाल ने कहा कि देश से वीआईपी कल्चर खत्म करने की जरूरत है. ये बेकार बात है कि हम नेता हैं इसलिए रेड लाइट पर छूट मिलनी चाहिए. यह बंद होना चाहिए. एक सख्त लोकायुक्त कानून की जरूरत है. कानून इतना सख्त हो कि भ्रष्टाचार करने से पहले कोई भी कांप जाये. इसके लिए एक सिटिजन चार्टर बनाने की जरूरत है. हर काम पूरा करने के लिए एक तय वक्त निर्धारित हो और जो काम वक्त पर पूरा नहीं करे, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए. दिल्ली की जनता की छोटी-छोटी मांगें हैं वो भी पूरी नहीं हो पाती हैं. हमें पूर्ण स्वराज लाना है. ऐसा स्वराज जिसमें जनता तय करे कि कौन से काम होने हैं, न कि नेता व अफसर.
बिजली, पानी और अनियमित कॉलनियों के मुद्दों पर भी अरविंद केजरीवाल ने सदन में अपनी बात रखी. केजरीवाल ने कहा कि मैंने बिजली कंपनियों के ऑडिट के आदेश दे दिए हैं. जांच से कम-से-कम ये तो पता चलेगा कि बिजली में कितना खर्च इन कंपनियों को आ रहा था और वे हमसे कितना पैसा वसूल रहे थे. फिर ये सदन मिलकर तय कर ले की बिजली की दरें क्या होंगी. पानी बिल से जनता परेशान है. हमने उन्हें राहत देने की कोशिश की है. कई लोगों को पानी भी नहीं मिलता. इस ओर हम काम करेंगे. लोग झुग्गियों में रहते हैं हमें उनके बारे में सोचना होगा. हम यही चाहेंगे कि उनके घरों को नहीं उजाड़ा जाए. क्योंकि एक शख्स के लिए उसका घर सबकुछ होता है अगर वो भी छीन लेंगे तो बड़ी दिक्कत आएगी. जहां तक बात अनियमित कॉलनियों की है तो इस सदन में मौजूद सभी पार्टियां उसे नियमित करना चाहती हैं.
शिक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद ही खराब है. सच तो ये है कि हम में से किसी का बच्चा सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ता. इन स्कूलों की स्थिति सुधारने की जरूरत है. इसके अलावा सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत है. निजी स्कूलों की फीस बहुत ज्यादा है उनपर लगाम लगाना होगा.
महिला सुरक्षा पर केजरीवाल ने कहा कि यह एक अहम मुद्दा है. दामिनी कांड के बारे में हर कोई जानता है पांच महीने के अंदर न्याय मिल गया. पर ऐसे और कई वारदात हैं जिसमें पीड़ित को अभी तक न्याय नहीं मिला. महिला सुरक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था करनी होगी. संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए कोर्ट की संख्या बढ़ानी होगी. फार्स्ट कोर्ट बनाने होंगे ताकि उन्हें न्याय मिलने में देरी न हो. हम यहां सरकार बनाने नहीं आये. सवाल जनता के मुद्दों का है. आज देश ये जानता चाहता है कि कौन-कौन इस देश में सच्ची और ईमानदार राजनीति कायम करना चाहता है. सवाल यह है कि आम आदमी की इस लड़ाई में आम आदमी के साथ कौन-कौन खड़ा है.
मनीष सिसोदिया ने रखा विश्वास प्रस्ताव
शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पेश करने के साथ उन्होंने सदन में मौजूद हर विधायक से अपील की कि दिल्ली की जनता की सेवा करने का मौका उनकी पार्टी को दिया जाना चाहिए.
हमें सरकार बनाने का बहुमत नहीं लेकिन नैतिक जनादेश मिला था. लेकिन आंकड़ा पूरा नहीं था. हम जनता के पास राय लेने गए. दिल्ली की जनता ने हमें सरकार बनाने का आदेश दिया. सरकार बनाने के लिए हमने कोई समझौता नहीं किया. किसी से चर्चा नहीं की. हमारा मकसद सादगी की राजनीति को बढ़ावा देना है. हमारा मकसद है सख्त लोकपाल कानून पास करना. सदन में मौजूद सभी माननीय सदस्यों से मैं यह कहना चाहता हूं कि वह किसी भी पार्टी से हों, दिल्ली की जनता के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला लें.
डॉ. हर्षवर्धन: AAP की मजबूरी जानना चाहता है देश
दिल्ली ने सबसे ईमानदार पार्टी को सबसे ज्यादा वोट दिलाए. विडंबना ही है कि जो पार्टी सदन में 15 साल से राज कर रही थी, वह 8 पर सिमट गई, जिस पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं वह विपक्ष में बैठी और 28 सीटों वाली पार्टी सत्ता में हैं. जब अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह कांग्रेस और बीजेपी से न समर्थन लेंगे, न देंगे, तो उनके प्रति आदर का भाव दृढ़ हुआ था. एक कदम आगे बढ़कर किसी टीवी चैनल पर तो उन्होंने कसम वगैरह भी खा ली थी. कभी-कभी मुझे लगता है कि उनका अनसाइंटिफिक माइंड है, लेकिन अपनी बात पर कायम हैं. लेकिन कसम तोड़े जाने से बहुत सच्चाई उजागर होती है.
सबको स्वीकार करना चाहिए कि दिल्ली की जनता ने भ्रष्ट कांग्रेस के खिलाफ जनादेश दिया था. उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री (शीला) को जेल में भेजेंगे और उनके और सरकार के दूसरे मंत्री-अधिकारियों के खिलाफ जांच करवाएंगे. लेकिन कल मैंने सुना कि वह कह रहे हैं कि डॉ. हर्षवर्धन के पास कोई सबूत हैं तो वे दे. मेरे पास जो सबूत हैं वो तो उन्होंने खुद कई बार उजागर किए हैं. सारा देश जानना चाहता है कि आम आदमी पार्टी की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि उन्होंने कांग्रेस का साथ लिया.
पिछले दिनों आपने बहुत चतुराई से बातें कीं. बहादुरी से भी कीं. आपने कहा कि जनलोकपाल बनाएंगे. जबकि आप भी जानते हैं कि जनलोकपाल केंद्र सरकार ही बना सकती है. फिर आपने कहा कि जनलोकायुक्त लोगों को समझ में नहीं आता इसलिए आप इसे जनलोकपाल कहने लगे. कांग्रेस की मदद से स्टिंग ऑपरेशन से आम आदमी पार्टी बच गई.दिल्ली मेट्रो में कानूनों की धज्जियां उड़वा दीं. आपके लिए स्पेशल मेट्रो ट्रेन चलीं. सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी लगाए गए. बड़ा हादसा होने से बच गया. भगवान न करे ऐसा होता लेकिन इससे कोई दुर्घटना हो सकती थी. मेट्रो में तलना कोई विशेष बात नहीं है. मैंने तो कभी मीडिया वालों को बुलाकर मेट्रो में चलने की तस्वीर नहीं दी.
तिलक मार्ग पर आपके लिए दो बड़े सरकारी फ्लैट सुरक्षित कर लिए गए हैं. विश्वास मत मिलने से पहले ही. हमें इन सब चीजों से आपत्ति नहीं है. राजनीति में शुचिता और सादगी के हम भी पक्षधर हैं. लेकिन उसके लिए क्या वह सब कुछ कहने की जरूरत है, जो कहा गया. आपकी पार्टी के एक नेता ने कहा कि जो लोग कश्मीर में रहते हैं उनका जनमत-संग्रह होना चाहिए और अगर लोग चाहते हैं कि कश्मीर को अलग कर दिया जाए तो कर देना चाहिए और पाकिस्तान में मिला दिया जाए तो वह भी करना चाहिए. (बयान पर तथ्यात्मक गलती पर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विरोध जताया, स्पीकर के दखल से मामला सुलटा. हर्षवर्धन आगे बोले). आपके नेता ने मोहनचंद शर्मा की शहादत पर भी सवाल उठा दिए.
आप पूछते रहे कि अभी गठबंधन न करने वाली बीजेपी क्या 2014 में गठबंधन करेगी? भले ही आप कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बना लें लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अगर एनडीए का एलायंस बनाने की जरूरत पड़ेगी तो हमें उसकी भी इजाजत नहीं है.
फोर्ड फाउंडेशन से अभी तक 3 लाख 69 हजार डॉलर की मदद ऑन रिकॉर्ड आपकी संस्था 'कबीर' (मनीष सिसोदिया का एनजीओ) को दी गई. हम इसका मकसद जानना चाहेंगे. केंद्र सरकार तो अपनी जांच कर रही होगी. पर दिल्ली सरकार को अपनी ओर से इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए. आपने मुफ्त पानी की घोषणा तो कर दी लेकिन अभी जब पानी के बिल आएंगे तो सबको पता लग जाएगा कि किसका कितना फायदा हो रहा है. आप सब्सिडी बढ़ाकर बिजली के दाम घटा रहे हैं. आप डीईआरसी पर कीमतें कम करने का दबाव बनाते. लेकिन आप मेरा ही पैसा मेरी ही जेब से निकालकर कीमत घटाने का दिखावा कर रहे हैं. हमने भी दाम घटाने की बात कही थी लेकिन हमारी एक जेब से पैसा निकालकर दूसरे में डालने की योजना नहीं थी. हम सोलर ऊर्जा का उदाहरण पेश करना चाहते थे दिल्ली में.
सीएनजी के दाम बढ़ गए और सरकार को पता नहीं. आपने 6 दिन में सीएनजी के दाम घटाने को क्या किया. नए साल की सौगात के रूप में एलपीजी के दाम बढ़ा दिए. जो लोग आतंकवादियों का समर्थन करते हैं, ऐसे लोगों से मिलते हैं आप जाकर, क्योंकि आपको लगता है कि ऐसा करने से आपको वोट मिल सकते हैं. मनीष जी नैतिक बहुमत की बात कर रहे थे. राजनीति के क्षेत्र में अगर सबसे ज्यादा कोई अनैतिक बहुमत हो सकता है तो वह आप दोनों की मिली-जुली सरकार का है. आपने भ्रष्टाचार के साथ समझौता कर लिया. कभी कभी हमें लगता है कि सत्ता की वजह से लोगों की लार टपकने लगती है. हमें लगता नहीं कि जनता और देश के साथ विश्वासघात करने वाली ऐसी सरकार का हम समर्थन नहीं कर सकते. नहीं कर सकते.
अरविंदर सिंह लवली: डॉक्टर साब! ऊपर वाले ने दर्द दिया है, वही दवा देगा
मनीष सिसोदिया जो प्रस्ताव लेकर आए हैं मैं उसके समर्थन में अपने विधायकों की ओर से खड़ा हुआ हैं. डॉक्टर साहब का बड़ा ओजस्वी भाषण सुनने को मिला. 15 सालों में पहली बार. हो सकता है कि पिछले 15 सालों में हमारे काम में कमी रही हो या हमारा मुकाबला ऐसे लोगों के साथ हो जिनकी अफवाह फैलाने में मास्टरी हो, लेकिन आप तो साहब इधर के इधर ही रह गए, उधर नहीं गए. आप सब्र रखिए. ऊपरवाले ने जो दर्द दिया है, उसकी आदत डालिए. ऊपर वाले ने दर्द दिया है वही दवा देगा.
हम भी आपकी जगह होते तो दर्द में कराह रहे होते. लेकिन अब कुछ भी हो जाए आप तो इधर ही रहोगे. मैं आपको सलाह देना चाहता हूं कि बीजेपी की वो वाली सीट बड़ी खराब हैं, वहां जो बैठता है या तो सीधा आउट होता है या जगदीश मुखी वाली सीट पर जाकर बैठता है. आपके यहां तो वैसे भी इन वेटिंग का रिवाज है. अध्यक्ष जी, आज मुझे बड़ा अच्छा लगा, बंगारू जी और येदियुरप्पा की पार्टी वाले लोग आज भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं. केजरीवाल जी ने दिल्ली सरकार के साथ एमसीडी के भ्रष्टाचार की बात भी की थी. आप उसे क्यों भूल जाते हैं.
दिल्ली में क्या स्थिति थी 1998 में. और अब देखिए. मैं कोई क्रेडिट लेने या उपलब्धियां गिनाने नहीं खड़ा हुआ हूं. हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं. आज हम लोगों ने इन्हें समर्थन दिया है क्योंकि हम नहीं चाहते कि दिल्ली को एक और चुनाव में धकेला जाए. केवल इसलिए कि लोकतंत्र कमजोर न हो. हमने इन सब बातों के मद्देनजर यह फैसला किया है.
केजरीवाल जी आज मैं आपको यह कहना चाहता हूं. आप भी 48 घंटे वाला बयान दे देते हो. मैं आज ऑन रिकॉर्ड आपसे वादा कर रहा हूं कि आपकी सरकार जब तक जनहित का काम करती रहेगी हम आपको समर्थन देंगे और जरूरत पड़ी तो पांच साल तक भी देते रहेंगे. पानी पर आपने जो फैसला किया है उससे उन लोगों को फायदा नहीं होगा जिन्हें जरूरत है. आपके इस फैसले के बाद दिल्ली में पानी सस्ता होने के बजाए महंगा हो गया है. आपने बिजली पर सब्सिडी दे दी तो आप हम से अलग कहां हैं. आपको भी लगता है कि कोई और तरीका नहीं है. डॉक्टर साहब, आपको भी बताना चाहता हूं. आप भी गुमराह कर रहे हैं. आप सोलर एनर्जी लगाने की बात कर रहे हैं. विपक्ष में बैठकर अब आदमी जो मरजी लगा ले. केजरीवाल जी आप कह रहे हैं कि बिजली के लिए आपको 200 करोड़ की सब्सिडी देनी पड़ेगी. यह आपको 315 करोड़ की सब्सिडी देनी होगी. मैं आपको दावे के साथ कह रहा हूं आपका दावा गलत है. वो भी सिर्फ तीन महीने में. आगे आपको फैसला करना होगा कि आप अपने बाकी वादों के लिए फंड कहां से लाएंगे.