अरविंद केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का मन बना रहे हैं. केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली उपराज्यपाल नजीब जंग को चिट्ठी लिखी और एक हफ्ते तक विधानसभा भंग ना करने की गुजारिश की. केजरीवाल दोपहर को एलजी से मिलने भी गए थे और इसकी जानकारी समर्थकों को ट्वीट कर दी थी. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए अगले कुछ दिनों में शहर में ‘जनमतसंग्रह’ कराने की योजना बना रही है.
.@ArvindKejriwal meets LG Najeeb Jung.
— Aam Aadmi Party (@AamAadmiParty) May 20, 2014
अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार दोपहर को नजीब जंग से मुलाकात भी की. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि अगर विधानसभा भंग करने का विचार किया जा रहा है तो उसे एक सप्ताह तक रोक लिया जाए, क्योंकि संभव है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में फिर सरकार बनाने की कोशिश करे. वहीं दूसरी तरफ, आज दोपहर को ही कांग्रेस आम आदमी पार्टी से समर्थन लेने की बात कर रही थी. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा, 'हम आम आदमी पार्टी को और समर्थन देने के पक्ष में नहीं हैं. हम दिल्ली में दोबारा चुनाव के लिए तैयार हैं.'
केजरीवाल की 49 दिन की सरकार
आपको बता दें कि केजरीवाल ने 49 दिन तक दिल्ली में शासन करने के बाद लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर सरकार को जनहित के काम न करने देने का आरोप लगाया था. फिलहाल इस समय दिल्ली में राष्ट्रपति शासन है. बाद में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भी 400 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे. केजरीवाल स्वयं नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़े, लेकिन बुरी तरह हार गए. इस पार्टी ने पंजाब से चार सांसद पाने में सफल रही.
केजरीवाल ने 49 दिन में क्या किया खास
28 दिसम्बर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक 49 दिन दिल्ली के मुख्यमन्त्री के रूप में कार्य करते हुए अरविन्द लगातार सुर्खियों में बने रहे. मुख्यमन्त्री बनते ही पहले तो उन्होंने सिक्योरिटी वापस लौटाई, फिर बिजली की दरों में 50% की कटौती की घोषणा कर दी. उसके बाद 666 लीटर पानी मुफ्त करने का ऐलान कर दिया. इसके अलावा एंटी करप्शन हेल्पलाइन शुरू करके उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के जरिये आम आदमी को पुलिस बनाने का दावा किया. दिल्ली पुलिस व केन्द्रीय गृह मन्त्रालय के खिलाफ उन्होंने धरना भी दिया. इसके बाद रिटेल सेक्टर में एफडीआई को खारिज किया और सबसे बाद जाते-जाते फरवरी 2014 में उन्होंने भूतपूर्व व वर्तमान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा व वीरप्पा मोईली तथा भारत के सबे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी व उनकी कम्पनी रिलायंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिए.