दिल्ली की नवनिर्वाचित सरकार को लेकर सत्ता से लेकर सड़क तक उत्साह है. अरविंद केजरीवाल से जनता को ढेर सारी उम्मीदें हैं, वहीं केजरीवाल भी इस ओर पहले दिन से कदम बढ़ाते नजर आ रहे हैं. लेकिन इस बीच केजरीवाल ने लोगों को जो सलाह दी है, उस पर अमल का रास्ता सीधे जेल की हवा खिला सकता है.
दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान और सत्ता में आने के बाद भी अरविंद केजरीवाल लोगों को सलाह दे रहे हैं कि यदि कोई अधिकारी रिश्वत की मांग करता है, तो उसे मना करने की बजाय, उससे सेटिंग कर उसकी रिकॉर्डिंग कर ली जाए. केजरीवाल का कहना है कि इस तरह सबूत हाथ लगने के बाद अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन केंद्र सरकार रिश्वत पर बने कानून में कुछ संशोधन करने का मन बना रही है और अगर ऐसा हुआ तो केजरीवाल की सलाह गैरकानूनी हो जाएगी और ऐसा करने पर 7 साल कैद तक की सजा हो सकती है.
जानकारी के मुताबिक, रिश्वत से जुड़े कानूनों में नए प्रावधान के तहत घूस देना भी अपराध माना जाएगा, चाहे वह भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए ही क्यों न दी गई हो. इसमें सजा से तभी बचा जा सकेगा, जब रिश्वत देने वाला ऐसा करने से पहले एंटी करप्शन यूनिट को सूचित करे, ताकि घूस मांगने वाले को रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा सके.
बताया जाता है कि कानून में यह संसोधन संयुक्त राष्ट्र के उस आदेश के बाद किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि सभी देशों को घूसखोरी के खिलाफ ऐसे कानून बनाने चाहिए, जिससे अंतरराष्ट्रीय मानदंड भी पूरे किए जा सकें.