विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं की जुबान फिसलने लगी है. कांग्रेस नेता और शहरी विकास मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने तो बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन को कोसते-कोसते उन्हें मुख्यमंत्री तक बता दिया.
कांग्रेस के बयान बहादुर नेताओं ने तो टिकट बंटवारे की समय सीमा तय करने में तो हद ही कर दी. प्रदेश अध्यक्ष जे पी अग्रवाल ने रविवार की डेडलाइन दी, सीएम शीला दीक्षित ने सोमवार कहा तो पार्टी के प्रभारी शकील अहमद ने एक कदम बढ़कर मंगलवार को उम्मीदवारों के ऐलान की बात कह दी.
शीला की ओर से भी उनकी कैबिनेट के तीन मंत्रियों ने मोर्चा संभाल रखा है. हर हफ्ते दो बार ये मंत्री गाहे-बगाहे अपने विरोधियों पर खूब हमले कर रहे हैं. मगर हमला करते-करते अपनी ही मुख्यमंत्री को कुर्सी से हटा कर विरोधी को बैठा देंगे, ये तो शायद ही किसी ने सोचा होगा. शनिवार को शहरी विकास मंत्री की जुबान फिसली और हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री तक कह डाला. वे अपनी गलती जल्द ही भांप गए और लगे हाथों सफाई भी दे दी.
दरअसल, कांग्रेस में क्या कुछ चल रहा है, ये पता नहीं चल पा रहा है. शनिवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली के उम्मीदवार तय करने के लिए बैठक तो हुई, मगर उम्मीदवारी का ऐलान नहीं हो पाया. बैठक से बाहर निकले नेताओं का सबका अलग-अलग राग था. जे पी अग्रवाल ने कुछ कहा तो शीला दीक्षित और सकील अहमद के बयान अलग थे.