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साउथ MCD में अब नहीं मिलती अटल के नाम पर 10 रुपये की थाली, ये है वजह

बीते साल 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर साउथ एमसीडी ने उनके नाम से ही अटल जनआहार योजना की बड़े ज़ोरशोर से शुरुआत की. लेकिन आज की तारीख में अटल जी के नाम से शुरू की गई ये योजना साउथ दिल्ली में दम तोड़ती नज़र आ रही है.

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वाजपेयी के जन्मदिन पर शुरू हुई थी अटल जनआहार योजना
वाजपेयी के जन्मदिन पर शुरू हुई थी अटल जनआहार योजना

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एमसीडी चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में सस्ते भोजन का भी वादा किया था. लेकिन योजना शुरू करने के महज़ कुछ महीने में इसका बंद होना बीजेपी के वादे पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.

बीजेपी ने वादा किया था कि एमसीडी चुनाव में जीते तो 10 रुपये में गरीबों को खाना खिलाएंगे. बीते साल 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर साउथ एमसीडी ने उनके नाम से ही अटल जनआहार योजना की बड़े ज़ोरशोर से शुरुआत की. लेकिन आज की तारीख में अटल जी के नाम से शुरू की गई ये योजना साउथ दिल्ली में दम तोड़ती नज़र आ रही है.

साउथ एमसीडी द्वारा शुरू की गई अटल जनआहार योजना अब बंद हो गई है. कहीं इसके केंद्रों को बंद कर दिया गया है तो कहीं पूरा का पूरा खोखा ही हटा लिया गया है. आजतक की टीम ने इसकी पड़ताल की और एम्स के पास बने उस अटल जनआहार योजना केंद्र पर जा पहुंचे जिसका उद्घाटन खुद नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने की थी. यहां आने के बाद पता चला कि बीते 1 महीने से ये बंद पड़ा हुआ है. दरअसल सिर्फ 10 रुपये में लोगों को खाना दिया जा रहा था, जिसका बड़ी तादात में वो लोग फायदा उठाते थे. अटल जनआहार योजना के इस केंद्र में नौकरी करने वालों ने इसके बारे में बताया कि इसके खुलने से सिर्फ 10 रुपये में खाना मिल जाता था लेकिन अब पास के ढाबे पर 40 रुपये की थाली खानी पड़ रही है.

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इसके बाद टीम ने द्वारका के पास ककरौला मोड़ पर खुले अटल जनआहार योजना केंद्र का रुख किया. यहां पहुंचने पर पता चला कि 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर योजना के लिए कियोस्क लगाया गया था. वो अब अपनी जगह पर ही नही है. पास ही में चाय की दुकान लगाने वाले रमेश ने बताया कि यहां कियोस्क करीब महीने भर पहले बंद हो गया था लेकिन कुछ दिन पहले कियोस्क ही उठाकर ले गए हैं.

स्कूलों की छुट्टियां होने पर खाना बनना हुआ बंद

इस बारे में एमसीडी अधिकारियों से बात की तो उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि दरअसल अटल जनआहार योजना के लिए साउथ एमसीडी के स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाले किचन में ही अटल जनआहार योजना के लिए खाना बनाया जा रहा था. अब स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां होने के चलते मिड डे मील बनाना बंद है इसलिए किचन बंद होने के कारण अटल जनआहार योजना के लिए भी खाना नहीं बन रहा है.

वहीं साउथ एमसीडी में नेता सदन कमलजीत सहरावत ने भी माना कि फिलहाल योजना के तहत दी जाने वाली 10 रुपये की थाली फिलहाल बंद है. लेकिन इसे जल्द शुरू किया जाएगा और इस बाबत कमिश्नर को निर्देश दे दिए हैं. हालांकि विपक्ष ने इतनी बहुप्रचारित योजना के बंद होने पर सवाल उठाया है. साउथ एमसीडी में नेता विपक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि इस योजना को जल्दबाजी में लागू करने के चक्कर मे एमसीडी ने पहले ठीक से खाका तैयार नहीं किया था.

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नॉर्थ एमसीडी में चालू है योजना

साउथ एमसीडी में भले ही योजना खटाई में पड़ी हो लेकिन नॉर्थ एमसीडी में हालात इससे बिल्कुल उलट है. जहां एक तरफ साउथ एमसीडी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर शुरू की गई योजना बदहाल है, तो वहीं नॉर्थ एमसीडी की तरफ से शुरू की गई "अटल रसोई दीनदयाल आहार योजना" अभी भी हज़ारों लोगों का पेट भर रही है. वो भी सिर्फ 10 रुपये में.

उत्तरी दिल्ली के शालीमार बाग में इस योजना के तहत 10 रुपये में सब्जी और 6 पूड़ी या कड़ी चावल खाया जा सकता है, रविवार को हलवा निशुल्क दिया जाता है. एमसीडी में नेता सदन तिलकराज कटारिया के मुताबिक इस योजना की सफलता के पीछे सेवा की सोच है. जिसमें धर्मार्थ पसंद लोग अपनी इच्छा से योगदान देते हैं. उनके दिए दान से ही इस योजना में अभी तक लोगों को 10 रुपये में थाली दी जा रही है. योजना की सफलता से गदगद नॉर्थ एमसीडी अब आने वाले दिनों में सभी 104 वार्डों में अटल रसोई दीनदयाल आहार योजना के कियोस्क खोलने पर विचार कर रही है.

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