आतिशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं. उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. आतिशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं. उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. कांग्रेस की शीला दीक्षित 1998 में दिल्ली की सीएम बनी थीं. वह 15 साल और 25 दिन तक इस पद पर बनी रहीं. जबकि बीजेपी की फायरब्रांड नेता रहीं सुषमा स्वराज 1998 में केवल 52 दिनों के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं.
दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही थीं. उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है. केजरीवाल ने जबसे इस्तीफे का ऐलान किया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. हुआ भी ऐसा ही. AAP की विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री चुन लिया गया.
शीला दीक्षित के करीब एक दशक बाद दिल्ली में महिला सीएम की वापसी हुई है. साथ ही आतिशी भारत में सबसे कम उम्र की प्रमुख महिला सीएम चेहरों में से एक बन गई हैं. अब तक की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड शशिकला काकोडकर के नाम है, जो 38 साल की उम्र में गोवा की पहली महिला सीएम बनीं. नंदिनी सत्पथी 41 साल की उम्र में ओडिशा की सीएम बनीं. बसपा नेता कुमारी मायावती के 39 वर्ष की उम्र में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं. मायावती के अलावा, सीएम पद संभालने वाली एक और युवा महिला मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी थीं.
52 दिनों के लिए CM बनीं थी सुषमा स्वराज
आतिशी से पहले जो दो महिला मुख्यमंत्री बनी थीं, उनमें बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर शीला दीक्षित का नाम शामिल है. सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली बार साल 1998 में महिला मुख्यमंत्री मिली. प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था और उसके बाद सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया. सुषमा सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाईं और चुनाव नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरह हार गई. साल 1993 में जिस बीजेपी की 49 सीटें आई थीं, 5 साल बाद एंटी इंकम्बेंसी की वजह से सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई.
कांग्रेस ने शीला दीक्षित को बनाया तीन बार CM
जब 1998 में कांग्रेस चुनाव जीत गई तो कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया. उसके बाद 2003 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस को एक बार फिर पूर्ण बहुमत मिला. इस बार कांग्रेस को 47 जबकि बीजेपी को 20 सीटें मिलीं. इसके बाद 2008 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 23 सीटें मिली. शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि 2013 में जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा तो उन्हें 28, कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 34 सीटें मिली थीं. इस त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस ने AAP को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाई थी और अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद जब 2015 में चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने क्लीन स्वीप करते हुए 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी और 2020 में हुए चुनावों में 62 सीटें जीतकर तीसरी बार AAP ने सरकार बनाई थी. पिछले दो चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली.
43 वर्षीय आतिशी दिल्ली की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री भी हैं. दीक्षित जब मुख्यमंत्री बनीं तो उनकी उम्र 60 साल थी, जबकि स्वराज की उम्र 46 साल थी. वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के बाद देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री हैं.
भारत के इतिहास में सभी महिला मुख्यमंत्रियों की लिस्ट-
-सुचेता कृपलानी: स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री, कृपलानी ने 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया.
-नंदिनी सत्पथी: किसी भारतीय राज्य की दूसरी महिला मुख्यमंत्री, कांग्रेस नेता ने 1972 से 1976 के बीच ओडिशा पर शासन किया. उनका कार्यकाल 1975 में आपातकाल की घोषणा के साथ मेल खाता था.
-शशिकला काकोडकर: महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी की नेता ने 1973 से 1979 तक गोवा, दमन और दीव के केंद्र शासित प्रदेश के दो कार्यकालों में मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. गोवा को 1987 में राज्य का दर्जा मिला जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश बना रहा.
-अनवरा तैमूर: किसी भारतीय राज्य की पहली मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री, उन्होंने 1980 से 1981 तक असम में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया.
-वीएन जानकी रामचंद्रन: अभिनेता से राजनेता बनीं, वह तमिलनाडु की पहली महिला मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ भारत में यह पद संभालने वाली पहली फिल्म कलाकार भी थीं. 1988 में अपने पति एमजी रामचंद्रन की मृत्यु के बाद वे 23 दिनों तक मुख्यमंत्री रहीं.
-जे जयललिता: एक और अभिनेत्री से राजनेता बनीं जयललिता ने छह कार्यकालों में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में 14 साल से अधिक समय तक सेवा की.
-मायावती: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो ने संयुक्त रूप से सात वर्षों तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में चार बार सेवा की.
-राजिंदर कौर भट्टल: पंजाब की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री, कांग्रेस नेता का कार्यकाल 1996 से 1997 तक चला.
-राबड़ी देवी: 1997 में अपने पति लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद बागडोर संभालने वाली वे बिहार की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं.
-सुषमा स्वराज: दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, भाजपा नेता का 1998 में 52 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल था.
-शीला दीक्षित: वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिल्ली की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 1998 से 2013 के बीच 15 वर्षों तक पद संभाला.
-उमा भारती: राम जन्मभूमि आंदोलन में भूमिका निभाने वाली उमा भारती 2003 से 2004 तक मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं.
-वसुंधरा राजे: ग्वालियर के महाराजा विजयाराजे सिंधिया-शिंदे और जीवाजीराव सिंधिया-शिंदे की बेटी, उन्होंने 10 साल तक राजस्थान की मुख्यमंत्री के रूप में शासन किया.
-ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो 2011 में सत्ता संभालने के बाद से लगातार तीसरे कार्यकाल में हैं.
-आनंदीबेन पटेल: गुजरात की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री, उन्होंने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पदभार संभाला. उनका कार्यकाल 2014 से 2016 तक चला.
-महबूबा मुफ़्ती: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता जम्मू और कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं. वे तत्कालीन राज्य की अंतिम मुख्यमंत्री भी थीं.