लॉ इंटर्न से यौन शोषण मामले में जस्टिस एके गांगुली की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जानकारी के अनुसार अटॉर्नी जनरल एजी वाहनवती ने उस सरकारी प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है, जिसमें जस्टिस गांगुली को पश्चिम बंगाल मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति की राय लेने की बात कही गई थी.
गौरतलब है कि इंटर्न के प्रति उनके व्यवहार को सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल द्वारा 'अभद्र' करार दिया गया था, जिसके बाद सरकार ने इस आश्य का प्रस्ताव भेजा था. वहीं, श्रम मंत्रालय और गृह मंत्रालय पहले ही इस बात पर सहमत हैं कि पहली नजर में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज के खिलाफ मामला बनाया जा सकता है. प्रक्रिया के तहत सरकार के फैसले पर राय जानने के लिए यह मामला अटॉर्नी जनरल को भेजा गया था.
सूत्रों के अनुसार, वाहनवती ने गृह मंत्रालय को जल्द ही भेजी जाने वाली अपनी राय में पूर्व जस्टिस के खिलाफ पर्याप्त सुबूत होने की बात कही है. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति की राय जानने के लिए भी इसे एक माकूल मामला बताया है.