हर दिन ऑटो में सफर करने वाले दिल्लीवालों के लिए एक बुरी खबर है. सोमवार को दिल्ली की सड़कों से ऑटो रिक्शा गायब रहेंगे. जाहिर है ऐसे में लोगों को कहीं आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली के ऑटो चालकों ने निर्णय लिया है कि वे ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के कथित अक्खड़ रवैये के कारण सोमवार को ऑटो नहीं चलाएंगे.
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'हमने सोमवार को एक दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. हमें ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस सादी वर्दी में हमारे ऑटो में बैठती है और हमसे रिश्वत मांगती है. जब हम मना कर देते हैं तो वे हमारा वाहन जब्त कर लेते हैं या चालकों पर भारी जुर्माना लगाते हैं. हमने इस मामले को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और संयुक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अनिल शुक्ला के पास भी उठाया है, लेकिन हमारी मांग पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है.'
ऑटो रिक्शा संघ के सदस्यों ने कहा कि केंद्र सरकार को ट्रैफिक पुलिस में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में करीब 80 हजार ऑटो रिक्शा चलते हैं. दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ ने दावा किया है कि उसका शहर में सबसे अधिक ऑटो चालकों पर नियंत्रण है.
...तो चार बजे के बाद नहीं चलेंगे ऑटो
संघ के मुताबिक तकरीबन 1000 ऑटोरिक्शा चालकों ने हाल ही अपना वाहन बदलने के लिए सरेंडर किया है, लेकिन परिवहन विभाग चालकों को बाजार से नया ऑटो खरीदने के लिए प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहा. इन वाहनों ने 15 साल की परमिट आयु पूरी कर ली थी. संघ ने चेतावनी दी कि अगर अगले तीन-चार दिनों में उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो ऑटो रिक्शा रोजाना शाम चार बजे से सड़क से दूर हो जाएंगे.
इस बीच, बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख सतीश उपाध्याय ने पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से मुलाकात की और ऑटो रिक्शा चालकों के आरोपों पर संज्ञान लेने को कहा. बीजेपी ने ऑटो चालकों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है.
उपाध्याय ने कहा, 'बीजेपी किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की जोरदार निंदा करती है. यह महत्वपूर्ण है कि दिल्ली पुलिस अपने को सुधारे ताकि इस तरह की शिकायतें नहीं आएं. पार्टी ऑटो रिक्शा चालकों से अपील करती है कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं. उनकी कानूनी मांगों का समर्थन किया जाएगा.'