हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि का चंदा आने के साथ अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य भूमि और कागजों पर एक रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास और मंदिर निर्माण से जुड़े सभी संघटकों ने मंदिर निर्माण का काम शुरू होने के बाद अब आगे के लिए पूरक समझौतों पर दस्तखत की औपचारिकता भी पूरी कर ली.
इस सिलसिले में मुख्य डिजाइनर चंद्रकांत बी सोमपुरा, मुख्य निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टेंसी के साथ भी न्यास ने समझैता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए न्यास गठन के बाद श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने कई पक्षों के साथ मंदिर और अन्य भवनों की संरचना तथा निर्माण के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. उन सभी समझौतों की समीक्षा करते हुए अब उनसे संबंधित पूरक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं.
1992 में श्री राम मंदिर के लिए वास्तुकला डिजाइन सेवाओं के लिए वास्तुकार सीबी सोमपुरा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. डिजाइन मूलत: तो वही रहा, लेकिन आकार बड़ा करने के लिए उसमें कुछ अतिरिक्त प्रावधान जोड़ने की आवश्यकता अनुभव की गई. इसी निमित्त सीबी सोमपुरा ऐसोसिएट के साथ एक पूरक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड को श्री राम मंदिर के निर्माण परिकल्पना एवं निर्माण हेतु नियुक्त किया गया है. उनके साथ भी पूर्व में एक समझौता किया गया था. अब वर्तमान समय और कार्य के बदले स्वरूप की आवश्यकतानुसार एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
आगंतुक श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों से संबंधित सेवाओं/सुविधाओं के विकास के लिए 67 एकड़ के जटिल क्षेत्र को विकसित करने, मेसर्स टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी और डिजाइन एंड इंजीनियरिंग के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए नियुक्त किया गया है.
श्री राम जन्मभूमि के संपूर्ण परिसर की मास्टर प्लानिंग और और विशिष्ट प्रारूप के निर्धारण हेतु मेसर्स डिजाइन एसोसिएट्स को नियुक्त किया गया है. ट्रस्ट ने उनके साथ भी एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.