मानसून सत्र में देश की संसद में दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसदों ने AAP सरकार पर मोदी सरकार की बहुचर्चित 'आयुष्मान भारत योजना' लागू न करने को लेकर निशाना साधा था. वहीं आम आदमी पार्टी ने बताया है कि आखिर क्यों केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अबतक आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं की है.
कैग रिपोर्ट को आधार बनाकर आम आदमी पार्टी ने 'आयुष्मान भारत योजना' पर सवाल खड़े किए हैं. AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में कहा था कि भगवान ने उन्हें दरिद्र नारायण की सेवा करने का मौका दिया इसलिए वह आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत कर रहे हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत वह परिवार कवर होते हैं जिनके पूरे परिवार की टोटल इनकम प्रति महीने 10 हजार रुपए से कम या 10 हजार रुपए हो.
आयुष्मान भारत योजना के तहत अगर किसी परिवार के पास फ्रिज या मोबाइल फोन भी है तो इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं. अब सवाल यह उठता है कि वह कौन से परिवार होंगे जो प्रति महीने 10 हजार रुपए से कम कमाते होंगे. इस योजना के प्रचार पर आम जनता का टैक्स खर्च किया गया. एक स्टडी के मुताबिक अस्पताल में एडमिट होने की बजाय एक आम नागरिक का टेस्ट और दवाइयों में खर्चा ज़्यादा होता है. ऐसे में आयुष्मान भारत योजना ऐसे लोगों पर लागू नहीं होती है. क्योंकि आयुष्मान भारत योजना का फायदा उठाने के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है. ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज इस योजना से वंचित रह जाते हैं.
AAP प्रवक्ता ने आगे योजना में कमी गिनाते हुए पूछा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कैंसर की दवाइयां 800% तक महंगी कर दी हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को कैंसर है तो उसका ऑपरेशन तो आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर होगा, 15 दिन तक की दवाइयां भी खबर होंगी, लेकिन डिस्चार्ज के बाद का इलाज इस योजना के तहत नहीं किया जाता है. वहीं, एक मजदूर जो रोजाना 200 से 300 रुपए कमाता है अस्पताल में भर्ती कैसे होगा?
AAP प्रवक्ता ने कहा कि वहीं एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि केंद्र सरकार जीडीपी का 2% से भी कम देश के लोगों के हेल्थ पर खर्च करती है. इस मामले में भारत की रैंक 180 में से 154 है. साथ ही, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हेल्थ पर खर्च करने के मामले में भारत 191 में से 184 नंबर पर है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में लगभग 40 करोड़ लोग मिडिल क्लास हैं. जिनकी इनकम इतनी नहीं है कि वह प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस ले पाएं और न 10 हजार से कम हैं कि आयुष्मान भारत योजना का फायदा ले पाएं.
कैग रिपोर्ट पढ़ते हुए AAP नेता ने कहा कि CAG की रिपोर्ट का आंकलन करें तो पता चलता है कि आम जनता के टैक्स का पैसा 'मोदी केयर' पर जरूर खर्च हुआ है, लेकिन जरूरतमंद तक नहीं पहुंच पाया है. आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 26000 अस्पताल देशभर में अटैच किए गए हैं. जबकि हालात यह हैं कि कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है, MRI और CT मशीन नहीं हैं.
संसद में एक आंकड़ा पेश किया गया कि 5 से 6 लाख लोग आयुष्मान भारत योजना के तहत रोज वेरीफाई हो रहे हैं. अब कैग की रिपोर्ट यह बता रही है कि करीब 10 लाख लोग एक ही फर्जी नंबर से आयुष्मान भारत योजना के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं. कैग रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना में मृतक लोगों को पैसा दिया गया. एक आईडी से एक समय पर अलग-अलग अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा है. कैग रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान योजना का फायदा उठाने वाले 11 करोड़ में से 3 करोड़ 67 लाख लोग संदिग्ध हैं. कैग रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान योजना से जुड़े करीब 1 करोड़ 69 लाख लोग फर्जी हैं.
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर मान लिया जाए कि 1 करोड़ 69 चोरों ने एक आईडी से 50 हजार रुपए निकाले हैं तो ये 8445 करोड़ रुपए का घोटाला बनता है. ये पैसा कहाँ गया, क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी जांच करेंगे? आयुष्मान भारत योजना पेपर और टीवी पर अच्छी लगती है इसकी हकीकत कैग रिपोर्ट ने साफ कर दी है.
सच्चाई ये है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के रहने वाले लोग दिल्ली में इलाज करवाने के लिए आते हैं. पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में करीब 50% लोग उत्तर प्रदेश से इलाज करवाने के लिए आते हैं. कैग रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हुआ है.
क्या आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की है इसलिए राजनीतिक वजहों से केजरीवाल सरकार ने इसे दिल्ली में लागू नहीं किया? इस सवाल जवाब में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर यह अच्छी स्कीम होती तो हम लागू करते लेकिन आयुष्मान भारत योजना बहुत ही बेकार स्कीम है. अगर आयुष्मान भारत योजना अच्छी स्कीम होती तो उत्तर प्रदेश के 50% लोग दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज करवाने नहीं आते.
अगर उत्तर प्रदेश में इतने अच्छे हॉस्पिटल और योजनाएं होती तो लोग वही इलाज करवा रहे होते. इससे बेहतर है कि केजरीवाल सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं को देशभर में लागू किया जाए. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा जो स्वास्थ्य सुविधाएं और योजनाएं दी जा रही हैं उसमें प्रति महीने 10 हजार रुपए की आय, फ्रिज या मोबाइल का कोई प्रतिबंध नहीं है. अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ सेवाओं की स्कीम देशभर में लागू होनी चाहिए. ऐसा लगता है कि आयुष्मान भारत योजना स्कैम के लिए बनाई गई है, और क्योंकि ये मोदी सरकार की योजना है तो इसकी जाँच भी नहीं होगी.
साल 2020 में वित्त मंत्री रहे मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का बजट पेश करते हुए आयुष्मान भारत योजना लागू करने का एलान किया था, फिर AAP सरकार ने केंद्र सरकार की योजना को क्यों लागू नहीं किया? जवाब में प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि केजरीवाल सरकार का हेल्थ मॉडल काफी पसंद किया जाता है तो फिर कोई दूसरी स्कीम क्यों लागू की जाएगी. दिल्ली सरकार द्वारा 500 टेस्ट मुफ्त मुहैया कराए जाते हैं, दवाइयां मुफ्त हैं और आयुष्मान योजना की तरह फ्रिज या मोबाइल का कोई प्रतिबंध नहीं है तो ऐसी योजना क्यों लागू की जाएगी.
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना को लेकर कैग रिपोर्ट द्वारा उठाए सवालों और और फर्जीवाड़ी के आरोपों पर सिर्फ जांच से संतुष्टि नहीं होगी बल्कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमति देने वाले तमाम लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो और उन्हें बर्खास्त किया जाए. वरना घपला होता रहेगा और जांच भी होती रहेगी.