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रेलवे स्टेशन पर CRPF की महिला कांस्टेबलों की सूझबूझ से गूंजी किलकारी

एंबुलेंस के पहुंचने में देर थी तो उन्होंने प्लेटफार्म पर ही चादर के परदे बना लिए और उसके अंदर महिला ने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि बच्चे के गले में गर्भनाल फंसी हुई थी. लेकिन एक कांस्टेबल को इसका अनुभव था और उन्होंने गर्भनाल को खुद ही काट दिया.

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आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने की मदद
आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने की मदद

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आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की आपाधापी के बीच आरपीएफ की महिला कांस्टेबलों की सूझबूझ से किलकारी गूंजी. ट्रेन में बैठी महिला को प्रसव पीड़ा हुई. सूचना मिलते ही आरपीएफ की महिला कांस्टेबल दौड़ पड़ीं. उन्होंने प्रसव पीड़िता को ट्रेन से उतार लिया.

एंबुलेंस के पहुंचने में देर थी तो उन्होंने प्लेटफार्म पर ही चादर के परदे बना लिए और उसके अंदर महिला ने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि बच्चे के गले में गर्भनाल फंसी हुई थी. लेकिन एक कांस्टेबल को इसका अनुभव था और उन्होंने गर्भनाल को खुद ही काट दिया. एंबुलेंस पहुंचने पर मां और बच्चे को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल भेजा गया. अस्पताल में बच्चे को फिलहाल इनक्यूबेटर में रखा गया है. उसकी हालत पर डॉक्टर नजर रखे हुए हैं.   

जानकारी के मुताबिक मूल रूप से चिराय पट्टी मुजफ्फरपुर, बिहार निवासी अली असगर अपनी पत्नी शबाना के साथ तिलक नगर दिल्ली में रहते हैं. वह मजदूरी करते हैं. करीब एक साल पहले शादी हुई थी और पत्नी साढ़े सात माह की गर्भवती थी. पहला बच्चा होने के कारण परिजनों ने गांव बुला लिया. मुजफ्फरपुर जाने के लिए शनिवार को असगर अपनी पत्नी को लेकर सप्तक्रांति एक्सप्रेस में सवार हो गए. दोपहर 2:50 बजे ट्रेन चलने ही वाली थी कि अचानक शबाना को प्रसव पीड़ा होने लगी.

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उन्होंने प्लेटफार्म पर मौजूद एक आरपीएफ कर्मचारी को इसकी सूचना दी. जानकारी मिलने पर आरपीएफ प्रभारी अनिल कुमार ने तीन महिला कांस्टेबल मोनिका, रितु डबास और पूजा गोस्वामी को महिला के पास भेज दिया. तीनों ने महिला यात्री प्लेटफार्म नंबर एक पर उतार लिया.

एंबुलेंस के लिए फोन किया गया, लेकिन महिला का दर्द काफी बढ़ चुका था. ऐसे में एंबुलेंस का इंतजार किए बिना ही महिला को एक कोने में ले जाकर चादर की आड़ में महिला कांस्टेबलों ने डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी. आरपीएफ के सूत्रों ने बताया कि कांस्टेबल मोनिका को प्रसव के बारे में जानकारी है. इस वजह से गर्भनाल गले में फंसे होने के बावजूद बच्चे का सुरक्षित प्रसव किया गया.

एंबुलेंस आने पर दोनों को अस्पताल भेज दिया गया. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि समय से काफी पहले पैदा होने के कारण बच्चे का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं है. हालांकि डॉक्टर पूरी तरह से बच्चे की सेहत पर नजर रखे हुए हैं. अस्पताल में मौजूद अली असगर ने आरपीएफ कर्मियों को धन्यवाद दिया. हालांकि वह अपने बेटे के स्वास्थ्य को लेकर फिलहाल चिंतित हैं.

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