राजधानी दिल्ली में गुटखा, पान मसाला और फ्लेवर्ड तंबाकू पर प्रतिबंध रहेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी में तंबाकू, पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को बरकरार रखा है.
बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्रों में तंबाकू के इस्तेमाल पर पहले से रोक है. इसक लिए केंद्र सरकार साल 2003 में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम (COTPA) लाई थी. इसके तहत सार्वजनिक स्थानों जैसे अस्पताल, संस्थान, सार्वजनिक दफ्तरों, ऑफिसों में तंबाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है.
राजधानी में कई ऐसे संस्थान हैं, जहां पहले इस तंबाकू उत्पादों पर रोक है. इसमें दिल्ली एवं देश का जाना माना AIIMS भी शामिल है. बीते साल दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस यानी एम्स (AIIMS) को 'तंबाकू फ्री जोन' घोषित कर दिया गया था.
डॉक्टर, कर्मचारी और तीमारदारों पर भी लागू है बैन
एम्स में बीड़ी, गुटखा, सिगरेट का सेवन करते पाए जाने पर जुर्माने का प्रवधान है. यह नियम यहां के डॉक्टर, कर्मचारी, सिक्योरिटी स्टॉफ, मरीज और उनके साथ आने वाले परिजनों पर भी लागू है. AIIMS ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया था.
इसमें धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल न करने को लेकर सलाह दी गई. इसमें कहा गया कि अस्पताल परिसर मे अगर कोई मरीज या उसके साथ आए परिजन धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पाद का सेवन करता पाया गया, तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा.