दिल्ली प्रदेश के बवाना उपचुनाव में जनता ने नए विधायक को चुनने के लिए वोट किए. सुबह के वक्त काफी तेजी से लोग घर से बाहर वोट देने के लिए निकले. शाहबाद डेरी के तमाम बूथ पर ज्यादातर उन लोगों की भीड़ देखने मिली जो अपने दफ्तर या काम पर जाने से पहले मतदान करने आए. 'आजतक' की टीम जब 8 बजे बवाना पहुंची तो मतदान केंद्र पर बुजुर्ग और महिलाएं वोट करने के लिए इंतजार करते नजर आए. यहां लोगों ने स्कूल, नाली, पेंशन की समस्या को ध्यान में रखकर वोट किया है.
शाहबाद डेरी के रहने वाले 'आप' उम्मीदवार रामचंद्र ने वोट देने के बाद कहा कि बवाना की जनता को सरकार के कामकाज पर पूरा भरोसा है. लोग वेद प्रकाश की धोखेबाजी से नाराज हैं और आम आदमी पार्टी को ही वोट कर रहे हैं. रामचंद्र ने माना कि इलाके में साफ-सफाई और पानी की समस्या हैं. 'आप' उम्मीदवार ने दावा किया कि 28 अगस्त के बाद तमाम समस्याएं खत्म हो जाएंगी. उधर कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेन्द्र कुमार ने वोट देने के बाद खुद की जीत को पक्का बताया है. सुरेन्द्र कुमार के मुताबिक जनता ने सरकार के पुराने दिनों को याद करके वोट दिया है.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ उम्मीदवार ही परेशान हों. क्षेत्रीय सांसद उदित राज भी एक बूथ से दूसरे बूथ पर दौरा करते रहे. दरियापुर कलां पोलिंग स्टेशन पहुंचे बीजेपी सांसद उदित राज ने बातचीत के दौरान बताया कि सुबह से वे 55 पोलिंग स्टेशन का जायजा ले चुके हैं. वेद प्रकाश के बीजेपी में शामिल होने से नुकसान के सवाल पर उदित राज ने कहा कि कोई क्यों विधायकी छोड़कर विधायक का चुनाव लड़ेगा इस बात को जनता समझती है. सांसद उदित राज ने पीएम मोदी और सीएम योगी के नाम पर वोट मांगने को जायज बताया है और 28 अगस्त को बवाना में जीत की उम्मीद जताई है.
बवाना गांव में ज्यादातर महिलाओं ने दोपहर के वक्त वोट किया. वे सभी घर का काम निपटाकर पोलिंग स्टेशन पहुंचीं थीं. घरेलू महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में सफाई एक बड़ी समस्या है. नालियों का पानी सड़क पर बहने से दिक्कत होती है. उन्होंने इसी बात को ध्यान में रखते हुए वोट दिया है. बवाना में अपने मत का इस्तेमाल करने पहुंचीं 103 साल की खजानी देवी ने भी सबको अपनी तरफ आकर्षित किया. खजानी देवी के पोते कृष्ण ने बताया कि खजानी देवी ने वोट डालने के लिए जिद की जिसके बाद पोते को उन्हें लाना पड़ा.
बवाना में मतदान के लिए दिव्यांग, बुजुर्ग और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. एक पैर से दिव्यांग रामाधार ने बताया कि वो अपनी दिहाड़ी छोड़कर वोट करने के लिए पहुंचे हैं. रामाधार चाहते हैं कि जिस उम्मीदवार को उन्होंने वोट डाला है वो दिव्यांगों की पेंशन के लिए काम करे. रामाधार का कहना है कि सड़क खराब होने की वजह से वैशाखी से चलने में दिक्कत होती है इसलिए वो बवाना में सड़क का निर्माण भी चाहते हैं. नेत्रहीन राजू ने पेंशन के लिए तो वहीं अपने दोनों हाथ गंवा चुके अजय ने उम्मीदवार को ध्यान में रखकर वोट किया.
शाहबाद डेरी के एक बूथ पर लोगों ने लिस्ट में नाम होने के बावजूद वोट न डालने देने का आरोप लगाया और नाराजगी जताई. अपना काम छोड़कर वोट करने आए लोगों का कहना था कि उनका वोटर लिस्ट से नाम दूसरे वार्ड या बूथ में शिफ्ट करने की बात कही जा रही है. वोट न डाल पाने की वजह से कई महिलाएं और पुरुष बेहद उदास नजर आए.