दिल्ली के बवाना में फैक्ट्री में आग लगने से हुई 17 लोगों की मौत की जिम्मेदारी एमसीडी और दिल्ली सरकार एक-दूसरे पर डालकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, तो वहीं इस मामले पर सियासत भी जमकर हो रही है.
केजरीवाल को करना पड़ा विरोध का सामना
बवाना में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. मुख्यमंत्री की कार के आगे केजरीवाल हाय-हाय के नारे लगे. दरअसल, केजरीवाल देर से घटनास्थल पर पहुंचे जबकि बीजेपी के नेताओं की पूरी फौज पहले ही पहुंच गई थी. जहां बीजेपी समर्थकों ने केजरीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिससे केजरीवाल के समर्थक भी भड़क गए और दोनों के समर्थक आपस में भिड़ गए. वहीं बीजेपी समर्थक केजरीवाल की गाड़ी के आगे लेट गए.
बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
बवाना हादसे के बाद केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री उदित राज और बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने घटनास्थल का दौरा किया और दिल्ली सरकार पर हमला बोला. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस मसले पर केजरीवाल सरकार और मंत्री सत्येंद्र जैन को जमकर कोसा. तिवारी ने कहा कि यह दिल्ली सरकार का औद्योगिक क्षेत्र है और यहां की फैक्ट्रियां उन्हीं के अधिकार क्षेत्र के तहत आती हैं. ऐसे भी यहां जो भी काम हो रहा है, उसकी जवाबदेही उनकी है.
कपिल मिश्रा ने भी कसा तंज
वहीं आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में अवैध पटाखा फैक्ट्री न चले, इसकी जिम्मेदारी सत्येंद्र जैन की होनी चाहिए थी और अवैध पटाखा न बने, इसकी जिम्मेदारी इमरान हुसैन की. ऐसे में इन 17 मौतों का जिम्मेदार कौन? कपिल ने तंज करते हुए कहा कि सवाल मत पूछना लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.
बवाना में पटाखे की फैक्ट्री खुलेआम चल रही थी।
ये पूरा इलाका दिल्ली सरकार के DSIIDC के अंदर आता है।
लाइसेंस MCD देती है।
फायर सेफ्टी,दिल्ली सरकार का फायर सर्विस देखता है।
और पटाखों पर बैन दिल्ली सरकार का DPCC
17 मौतों का जिम्मेदार कौन?
Via @KumarKunalmedia
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 21, 2018
वहीं दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन से बात की तो वह बचते नजर आए बोले फैक्ट्री में गलत काम तो हो रहा था, लेकिन उसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है. एमसीडी यहां का लाइसेंस देती है. एमसीडी ही यहां नक्शा पास करती है. दिल्ली सरकार यह अधिकार कब से मांग रही है.
फैक्ट्री में अवैध रूप से चल रहा था पटाखे का काम
फैक्ट्री के एक मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दूसरे की तलाश की जा रही है. बताया जाता है कि फैक्ट्री में अवैध रूप से पटाखों की पैकेजिंग का काम होता था. जबकि लाइसेंस गुलाल बनाने का था. ढाई सौ गज़ की इस फैक्ट्री के पास लाइसेंस तो गुलाल बनाने का बताया जा रहा है, लेकिन यहां पटाखों की पैकिंग हो रही थी.
फैक्ट्री के लाइसेंस पर सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल फैक्ट्री के लाइसेंस को लेकर है. आखिर पटाखा फैक्ट्री कैसे चल रही थी और लाइसेंस एमसीडी ने दिया या दिल्ली सरकार ने दिया? लाइसेंस देने के बाद किसी ने क्यों नहीं देखा कि फैक्ट्री में क्या चल रहा है. फायर सेफ्टी की एनओसी बगैर फैक्ट्री कैसे चल रही थी.
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया दुख
पीएम मोदी ने ट्वीट कर बवाना हादसे के शिकार लोगों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की. वहीं राष्ट्रपति कोविंद ने भी बवाना हादसे पर दुख ज़ाहिर किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई.
मामले की जांच के आदेश और मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं मरने वालों के परिजनों को सरकार ने 5-5 लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये मुआवजे का ऐलान भी किया है. वहीं बीजेपी भी मृतकों के परिजनों को बीजेपी 50-50 हजार रुपये देगी.
भीषण हादसे और इतनी मौतों के बाद भी सियासत के जो तेवर दिखाई दे रहे हैं उनसे सवाल उठता है कि क्या जांच में सच सामने आएगा. फैक्ट्री मालिक तो सीधे कसूरवार हैं लेकिन क्या फैक्ट्री को मौत की फैक्ट्री बनाने वाले असली मुजरिमों को सजा मिलेगी?