पश्चिम बंगाल में दलित बीजेपी कार्यकर्ता त्रिलोचन की हत्या के विरोध में बीजेपी के कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर उतर आए. शुक्रवार को पार्टी के एससी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली स्थित बंग भवन पर जमकर प्रदर्शन किया. बाद में पार्टी के प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला भी जलाया और नारेबाजी की.
इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल रॉय और दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत बीजेपी के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे.
पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह दुखद है कि मार्क्सवादी हिंसा के विरुद्ध लोकतांत्रिक आंदोलन चलाने वाली ममता बनर्जी ने विपक्षी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध सत्ता प्रायोजित हिंसा का तांडव चलाने में मार्क्सवादियों को भी पीछे छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि दिवंगत दलित कार्यकर्ता त्रिलोचन मेहतो का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और शीघ्र ही बंगाल में लोकतांत्रिक शासन स्थापित होगा.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि हम यहां प्रदर्शन करने जरूर आए हैं, पर मेरे मन में त्रिलोचन मेहतो और बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा के शिकार हो रहे सैकड़ों कार्यकर्ताओं के प्रति श्रद्धा के भाव हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी का दलित कार्यकर्ता दलित नहीं है? आखिर इस पर देश के तमाम बुद्धिजीवी मौन क्यों हैं?
बीजेपी की ओर से प्रदर्शन को लेकर पुलिस को जानकारी थी, इसलिए प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए पहले से ही बैरिकेड लगा दिया था. हालांकि कुछ कार्यकर्ताओं ने उस पर चढ़ने की कोशिश की. प्रदर्शन के वक्त कार्यकर्ता हंगामा करने लगे और बाद में उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला भी जलाया.
पश्चिम बंगाल में दलित बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन किया. एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बीजेपी कार्यकर्ता 18 वर्षीय त्रिलोचन महतो की हत्या कर दी गई थी जिसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के बंगाल भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.
इस प्रदर्शन में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता मुकुल रॉय समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए. प्रदर्शन को हिंसक होने से रोकने के लिए 100 लोगों की पुलिस टीम के साथ-साथ सीआरपीएफ की एक कंपनी के अलावा 2 महिला कंपनी भी तैनात की गई थी.