सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने के सरकार के फैसले का महान एथलीट मिल्खा सिंह ने स्वागत किया है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि हॉकी के जादूगर ध्यानचंद भारत रत्न सम्मान के पहले हकदार हैं. ऐसे में अब उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की जानी चाहिए.
सचिन विनम्रता की मूर्ति हैं और यही खूबी उन्हें बनाती है औरों से अलग
शनिवार को यहां जेनेसिस ग्लोबल स्कूल में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए मिल्खा सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि देश में युवाओं के आदर्श तेंदुलकर इस सम्मान के हकदार हैं. इतने कामयाब क्रिकेटर होने के बावजूद तेंदुलकर विनम्रता की मूर्ति हैं और उनकी यही खूबी उन्हें बाकी महान खिलाड़ियों से अलग करती है. उन्होंने कहा, 'तेंदुलकर युवाओं के आदर्श रहे हैं. मैं उनसे कई बार मिला हूं और जब भी मिला, उनकी विनम्रता का कायल हो गया. बतौर खिलाड़ी इतने कामयाब होने के बावजूद वह बहुत ही विनम्र हैं. सफलता उनके दिमाग पर नहीं चढी, यही उन्हें बाकी से अलग करती है.'
पत्रकारों से बातीचीत में मिल्खा सिंह ने कहा, 'मुझे खुशी है कि तेंदुलकर को भारत रत्न दिया गया. लेकिन निजी तौर पर मुझे लगता है कि ध्यानचंद सचिन से पहले इस सम्मान के हकदार थे. ध्यानचंद ने भारत को अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर लाया था.' मिल्खा ने कहा कि अब ध्यानचंद को भारत रत्न देने की घोषणा की जानी चाहिए.