हरियाणा के भिवानी में हुई जुनैद और नासिर की हत्या के मामले को लेकर जमीयत के प्रतिनिधिमंडल ने भरतपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस घटना को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद ने एक बयान जारी किया है. इसमें घटना की निंदा के साथ ही हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
अमानवीय और आतंकवाद जैसी घटना
जारी बयान में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने जुनैद और नासिर की हत्या पर चिंता और दुख व्यक्त किया है. मदनी ने इसे अमानवीय और आतंकवाद जैसी घटना बताते हुए केंद्र एवं हरियाणा सरकार से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जाए.
न्याय के प्रति सरकार का दोहरा रवैया
मौलाना मदनी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति अगर दो शब्द बोल देता है तो उसके खिलाफ आतंकवाद के मामले दर्ज कर दिए जाते हैं. यहां दो लोगों को मारकर जला दिया गया लेकिन आरोपियों पर मामूली धराएं लगाई गई हैं. इससे न्याय के प्रति सरकार का दोहरा रवैया प्रकट होता है.
इन कृत्यों को सहन नहीं किया जा सकता
मौलाना मदनी ने कहा कि इस तरह के क्रूर, निर्मम और घृणित कृत्यों को किसी भी सभ्य समाज विशेषकर भारत जैसे महान लोकतांत्रिक देश में सहन नहीं किया जा सकता है. संविधान और कानून-व्यवस्था के प्रति जवाबदेह सभी चुनी हुई सरकारों का दायित्व है कि वह इसपर लगाम लगाएं. इस संबंध में एक व्यापक दंडात्मक उपाय अवश्य करें जैसा कि स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारों को निर्देश दिया है.
गौरक्षकों और आतंकवादियों को संरक्षण
मारे गए युवकों के परिवार से उनके गांव में मुलाकात के दौरान मदनी बोले कि ये घोर निंदनीय है. इसी हरियाणा और राजस्थान की धरती पर इससे पहले अकबर खां, जुनैद खां, रकबर खां, उमर, अफराजुल आदि की मॉब लिंचिंग हो चुकी है. इन मामलों में पुलिस प्रशासन, राजस्थान व हरियाणा की सरकारों के रवैये से ऐसा लगता है कि गौरक्षकों और आतंकवादियों को न केवल समर्थन प्राप्त है बल्कि प्रोत्साहन और संरक्षण भी दिया जाता है.
सरकार के संरक्षण में खुलेआम हत्या कर रहे
कहा कि ये असामाजिक तत्व सरकार के संरक्षण में खुलेआम लोगों की हत्या कर रहे हैं. गोलियां बरसाते हैं और वीडियो बनाकर ट्विटर पर डालते हैं. फिर पुलिस प्रशासन के साथ फोटो खींचकर अपनी ताकत और पहुंच का प्रदर्शन करते हैं.
देश के चरित्र को कलंकित किया जा रहा
जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख ने कहा है कि ये दुखद बात ये है कि हरियाणा की सरकार और पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती. इनके द्वारा घोर बेशर्मी और खामोशी दिखाकर देश के बहुलतावादी, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष चरित्र को कलंकित करने का काम किया जा रहा है.
पुनर्वास के लिए मुआवजा और नौकरी दी जाए
मौलाना मदनी ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि इस घटना के आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने मांग है कि मामले में पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाए. मामले की न्यायिक जांच की जाए. साथ ही मृतकों के परिवारों के पुनर्वास के लिए उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
गौरतलब है कि भिवानी में गुरुवार को एक जली बोलेरो में दो कंकाल मिलने के मामले में हरियाणा से राजस्थान तक हड़कंप मचा हुआ है. दोनों मृतक राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे. मृतकों के परिजनों ने का आरोप है कि बजरंग दल के कार्यतकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया और हत्या कर दी. दोनों का शव भरतपुर से करीब 200 किलोमीटर दूर भिवानी के लोहारू में मिला था. जुनैद पर गौ-तस्करी के 5 मामले दर्ज थे.
उधर, इस मामले में बजरंग दल ने बीते दिन गुरुग्राम में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हत्या मामले में शोक जताया था. साथ ही कहा कि बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ बिना सबूतों के आधार पर मामला दर्ज कराना गलत है. पुलिस इस मामले जांच पूरी करे, जो भी आरोपी हैं, उन्हें गिरफ्तार करे. अपहरण और हत्या मामले से बजरंग दल के सदस्यों का कोई संबंध नहीं है. राजस्थान सरकार इस मामले पर राजनीतिक फायदा ले रही है. साथ ही सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रही है. गौ-रक्षकों को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है.