दिल्ली में मंगलवार से नर्सरी एडमिशन की दौड़ शुरू हो गई है. दिल्ली के लाखों माता-पिता अपने बच्चों के एडमिशन को लेकर काफी दिनों से परेशान थे. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को यहां के निजी स्कूलों में नर्सरी में दखिले के नए मापदंडों को रद्द करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर मापदंडों में हस्तक्षेप करने से असमंजस की स्थिति उत्पन्न होगी.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन.वी. रमन और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने निजी स्कूल की याचिका खारिज कर दी, जिसने दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग द्वारा नर्सरी में दाखिले के लिए तय किए गए मापदंडों की अधिसूचना को अदालत में चुनौती दी थी.
उप-राज्यपाल के द्वारा नए मापदंड तय करने के बाद दिल्ली के स्कूलों को हाईकोर्ट से भी निराशा ही हाथ लगी थी. अब स्कूलों ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना लिया है. स्कूलों का कहना है कि नए नियम बच्चों और स्कूल दोनों के लिए ठीक नहीं हैं. हमने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की एक्शन कमेटी के अध्यक्ष एस.के भट्टाचार्य ने उम्मीद जतायी कि उनके मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है.
हालांकि नर्सरी एडमिशन के लिए माता-पिता की दौड़ शुरू होने को तैयार है. तमाम प्राइवेट स्कूलों के बाहर माता-पिता अपने लाडलों के लिए स्कूल में एक सीट की खातिर लाइन में लगने शुरू हो गए हैं. सोमवार को ही शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार से नर्सरी एडमिशन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.